श्री सत्यार्थ सागर नवीन ग्रंथ | Shri Satyarth Sagar Navin Granth

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Shri Satyarth Sagar Navin Granth by नाना दादाजी गुंड - Nana Dadaji Gund

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नाना दादाजी गुंड - Nana Dadaji Gund

Add Infomation AboutNana Dadaji Gund

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
३ 7 अथ सत्याव सागर छझुद्धा पत्र छख्यत ॥ अगुद्ध शुद्ध पृष्ठ घुर॒ चूर द््‌ समझीत सर्माकत ६ पु पद डे तर तारों 19 दिधा दीपा ४ झुद्‌ मसुघ ४ चाणिस छयालिस ५ चार चाख द्‌ करनेकोी करनको ५ नहीआखे नहीभाखे ९ साल साठ हद जगा जग्ग छ्‌ होज. होजग. ८ सांध ९, जीवकी जीवाकी ५ यात्रा प्रात १६४ पाईजी प्याईजी १३ !.. तीज १६३ लोय छोये १४ ग्रहा. भह १४1 भगवान भगवत्ू १४ तिन्हंगुणं विन्हगुत्तीण १७ परिभोग २२ 1) मु कोई, २३ घुद्दी घुद्धीी. २७ करी कारी २८ ?) तत्थणं॑जेते २८ छ् फम्मोयस ” ! मणो ! कौपाछे कीघीछे २९ हे नसमारि ३० ज् यब्दां ३० पेहणीया ३० सत्व॑ ३१ प्र ३२, 0. नवद्सना ३४ बयसम ! धारणया ३६ कायस ! प्रधारणया ३६ अंत श्द्‌ सब्ब ३७ पीरस्स १९ दिवी १५ प्रभूण ४३ फुछेफक ४३ समझ्ावों ४५ है धर छ पिण._ ४७ झूठो ४८ सख्॒ १० किम ६५९ चुध्दी. ५९ |; ६१ आहारनी ११ करना ६१ शुध्दध दरे देहनो ६३ खातंछे. ६३ निरमे ६४४६ लनिद्या ,,६४ पंक्ति 1 २२ 5




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now