मानतुंग राजा अने मानव ती राणीको रास | Manatung Raja Ane Manav Ti Raniko Ras

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Manatung Raja Ane Manav Ti Raniko Ras by नाना दादाजी गुंड - Nana Dadaji Gund

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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{१४८} ॥ 3 ॥उमक्टे वारवार सखी आर्द्र घणे, मानवती तव ताख रस्या वायकभणार स दीया किमान करोह्‌ठ एवटो, सहु य र एकराग पुठे मुद् कापडो ॥ ४ ॥ फोगट भोगवे कोण बाई ऊजागरो, योढामाहे स वाद्‌ दिवेतो भयाकरो ॥ वरि हा रामत कारे रमसु नवनवी, इरणीढटो आका- सके वेला वहूहवी ॥ 4 ॥ गीततणा भणकरा रजो श्रचर्णें वागसे, सूता लोकसवे इद्दा झ वकी जनागसे॥ अतिङेसन अर्थकरे स्यो फा यदो, जावजो कार दायके मपणौ चायदो ॥६॥ मानवती भणीताम चारेचतुरा कटे ॥ दे वेदनी अमवातते वंतोनवी ठह कार आम रो नान उत्सव मडावसे॥ चारेने वर चार भ ठा परणावसे ॥ ७॥ परण्या प्र तो दोसे रद्दवु सासरे अहर्निस वेकर जोडी पीयनें




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