प्रकाश चिकित्सा | Prakash Chikitsa

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Prakash Chikitsa by सुधीरकुमार - Sudhirkumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(८. ) क्रकशेङ और वाट यह बताते हैं कि -प्रकाशसे कुटेनस तन्तु बद्‌ जाते हैँ ओर पसीने वाली गिल्टियाँ शक्तिमान हो जाती हैं । छोटी किरणों को शरीर के पतले चमड़े, जो एपीडरमिस कहाते हैं, सोख लेते हैं। परन्तु लम्बी शरीरचमकी भेदकता किरणं शरीरके भीतर गहराई तक जाती हेः । नीचेकी तालिकासे इसका पता ठीक ठीक चलता है कि कौन सी किरणें चममें कितनी अन्द्र चली जाती हैं । किरण की लम्बाई ` प्रतिशत भेदकता (आंग्सटूम इकादमे) ०.१ मि०मी०मोटा चमे, १ मि० मी० मोटा चमे --------- -~---------------~~----~ ----~-~^~^~ ^-^ ममे | २६० ८५९, 2५ | « न ¢ ०५० (५८५ २ २६६० ९, ००८ ३५४० ं ४२ ००२ ३१३० ३० ग ३०१५ ४ --- + ५ मै. 2. २९७८० ०१०7१ + ], (701८८587 [‹ 21 211




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