स्वामी रामतीर्थ भाग तेइसवां | swami ramteerth part 23

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swami ramteerth  part 23  by मंत्री - Mantri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रार्थना, १६ तमन्ना है किं चरणो का रहे ध्यान! ., दमे आरसीर दधँ जव मेरे प्राण ॥ . वदी हो जल-समाधी का नज़ारा । तगौ मे द्यो गङ्गा जल की धारा पदम आसन हो फ़रशे-सतहये-छाव । चवर भलती हो हर एक मौज गिरदाव ॥ धरै भेम की छाई हुई हो। हृवा में लहरें बल खाई हुई हों ॥ हमारा राम, प्यारा ज़िन्दा जावेद । शर्या वदेरे-शपक्त - में मिस्ले-खुरशेद ॥ हो जल धायस में यो आसन जसाये 1 सुनी पवेत. ये धुली रमधे ॥ फ़लक तक गूजती हो श्रोरेम्‌ की धुन। जो शुन खुन खुन के लर जल की हो सुन ॥ ल्वे-भगा गिरोदे-छाशिकों दो) जव कुछ दिलस्वा प्यारा सर्मो दो ॥ हरः पकः बेखुद हो मस्ताना अदा में । छरीली ओश्म की दिलकश सदा में ॥ तसब्बुर दो .चही एक चश्मो-सर में । हो फिरती -मोहिनी मूर्त नज़र में ॥ कफ़न तन का बने हर द्वार की घूल । * चढ़ें बस राम गंगा में मेरे फूल ॥




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