ओझा निबब्ध - संग्रह | Aojha Nibandh Sangrah
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
327
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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(१२) उणें-
यह किसी देशा फा नाम हो, एता प्रमाण वहीं मिल सका, परन्तु
'उरण' नामका एक नगर बम्बई अहाति कं थाणा जिले मेथा, जो
शिलारा वश्च कं राजामो के राजत्रतिष्ठित नगरो में से एक भिना
जाता था ।
(१३) ऊपर-क्षत्र -
क्षारभूमि वाला देश तथा रेणुका आदि नवतीर्थ-*
।1इलोक।} रेणुका सुकर; काश्चि कालीकाल बरेश्वरौ 11
कालिजञ्जरो महाकाल अपरा नवमुवितिदाः 11१1
||इति वराहपुराणम् ॥
(१४) कम्बोज -
।1इलोक।। पञ्चनद समारभ्य म्लेच्छाहक्षिण पर्वत. ॥
कम्बोज देशो देवेशि ! वाजिराशि परायण ।१।॥
अर्थ-- पञ्जाब से लेकर अफगानिस्तान तक, हे पार्नती । कम्बोज देश
हैं, जो घोडो की गणना में श्रेष्ठ है ।
(१५) कर्णाट ~
।|इलोक।। रामनाथं समारभ्य श्री रंगान्त विलेऽवरि. ॥
कर्णाट देशों देवेशि ' साम्राज्य भोगदायक |1₹॥।
मर्थ-रामनाय से लेकर श्रीरग तक कर्णाट देश है, वह राज्य भोग-
दायक हैं और दस लाकी आय को साप्नाज्य कहते हं । यया --
। शलोक।। लक्षाधिपत्य राज्यस्यात् साम्राज्य दश लक्षक ।
शतलक्षे महेशानि । महा सोाम्राज्यमुच्यते ।1१।।
11 इति वरदा तन्वे 11
यह देश दक्षिण में इसी नाम से प्रसिद्ध हैं ।
सम्पादकोय टिप्पण
* यह गगा-यमुना के तटवर्ती तथा उससे मिले हुए प्रदेग का. सूचक हैं,
जिसमें उपर्युक्त नी तीर्थ थे । उपयुक्त इलोक मे यह वडा विन्तारवाना
देय था । वसवी महाराज ह्पवर्डन, रपुवणी प्रतिहारो नया गाटट-
वालो की राजवानी कन्नौज (कन्यकृव्न) कामी ऊपर-क्षेत्र में ही नमा-
वेद हो जाना है ।
रामनाय--रामे्वर दिम ।
7 एतरेय ब्रह्मण नें इन विप्रय वा विद् वर्णन ट मौर न्फष्ट न्प मं
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