श्रमण संस्कृति | Shraman Sanskriti
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
96
श्रेणी :
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No Information available about नाथूलाल जैन शास्त्री - Nathulal Jain Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१५)
दश्वा तथा श्रचरण में इसरी
व्यापकता चढते-बढते ज राज-
सेतिक क्षेप में भी पहैँच गई है ।
युष्द प्रिय राष्ट्र भी झात्र मद्दापीर,
तथागत चुट, मदमा गधो शरोर
सन्त पिनोवा की भाषा मे वोनने
लगे हूं यह् सूये फ उजेत्ते षौ
तर साफ दो गया है कि निश्श-
स्नीकरण शरीर भाई चारे फी
सदुभागना से ही पिश्य में शान्ति
स्थापित हो सकती दे। भारत ये
प्रा सत्री प॑ जवाहरलाल
नेहरू ने ई६-१५८ की मद्रास में
ई “भारतीय प्रिज्ञान प्रेस ' में
भाषण देते हुए कद्दा था--“श्रात
बेज्ञानिकों को संत, मदात्मा शरीर
श्र्पि्यो पै करणा, श्रहिसा आदि
शाण श्वपननि वादिण । मसार
थ वडेराष्रसेश्रणु परीत्णव
करने के लिए की गई श्पनी एक
श्पील से भी नेदरूजी ने यड
मामिरों शरद में वह था- 'विश्य
के प्रत्येक प्राणी को भीजित रदने;
उनति करने श्रीर अपने लद्य को
प्राप्ति करने का विकार हैं ।
समग्र ससार के लोगों फो रानि
और मुरक्ता का भी धधिकार है ।
इस 'घधिकार का उपयोग ये केयल
शान्तिपूण ढंग से ,रडरर श्रीर
श्पनी समस्याओं को शान्तिपूरण
ढंग से सुल्झाफर शी कर सक्ते
है! उनमे ध्म, मान्यकण श्यी
प्रिचार सम्य घी निभिस्नताए हैं ।
वे एक दूसरे को गक्ति द्वारा नदी
घदल सकते । इस प्रसार का प्रयत्न
पतन वो ओर ले जाएगा। इतनी
प्रिभिन्ननाश्रों कै बावजूद शाति
पूर्ण ढग से जोवित रहने के लिए
दमे पृण, द्रेषण्वं कति (शष)
वी नीति का 'मासरा छोड़ देना
पढ़ेगा । नैतिकता का भी यहीं
तगाजा द और उससे भी श्धिक
मापे व्ययहारिफ कमाय वुद्धि
भ इसीश्चोरष्टगित करती र 1“
वनी १६५६ की मेरा
फो यत्रा के समय एन 0,
के झधिवेशन में रस के प्रधान
मत्री सद्चेव ने धपने भापण में
निश्शस्पीगरण प्र जोर दिया
था 'घीर निश्शस्त्रीरुरण के लिए
रखे गए प्रत्ताय में दुनिया के
सभी ताकतवर राष्ट्रों से यद अपील
वी थी कि “एु आायुधों के
परीक्षण तुरम्त बच द कर दिए जाए,
उनका तया निमोण नदी शिया
जाए» पदले थे निमित मारिष
शस्त्रों को नप्ट कर दिया जाए
शोर बापु सेना, जल सेना, एव
स्थल सेना श्रादि सेनाओं को
समाप् कर दिया लाए एव सभी
सचियों तो तोड़ दिया जाए 1*
डद्दोनि यह भी कहा था वि तमाम
शस्त्रो ण्ये सेनाझा को समाप्त
किए निया तथा सभी तरद की
सैनिक सधियोँ को तोड़े मिना
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