बौध्द दर्शन | Baudhda Drarshan
श्रेणी : धार्मिक / Religious, पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
200
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)बोद्ध दशन
प्रथम ध्याय
गौतम बुद्ध ८ ५६३-४८३ ई० पू० )
दो सदियों तक्के भारतीय दाशेनिक दिमागोके जवदंस्न प्रमासका
ग्रन्तिम फल हमें वुद्धके दशलैन--श्नणिक ्रनात्मवाद--के रूपमे मिलता
ट । प्रागे हम देखेगे कि भारतीय दशेनधाराग्रोमं जिसने काफी समय
तक नई गवेषणाग्रोको जारी रहने दिया, वह् यदी धारा थी ।--नागा-
जुन, श्रसंग, वसूवंधु, दिङ्नाग, धमं कीति,--भारतके ्रप्रतिम दार्शनिक
इसी धाराम पदा हुए थे । उन्टीके ही उच्छिष्ट-भोजी पीके प्रायः सारे
ही दूसरे भारतीय दाशेनिकं दिखलारई पडते टे ।
१, जीवनी
सिद्धाथं गौतमका जन्म ४६३ ई० पूणक प्रासपास हूग्रा था। उनकं
पिता रुद्धोदनको शाक्योका राजा कहा जाताद्, किन्तु हम जानते ह
कि शुद्धोदनके साथ-साथ मर्दिय' ग्रौर दण्डपाणिको भी जाक्योका
राजा कहा गया; जिससे यही श्रथं निकलता टं कि शाक्यीके प्रजातंत्रकी
गण-संस्था (--सीनेट या पालमिंट )के सदस्योका लिच्छविगणकी भाँति
राजा कहा जाता था। सिद्धाथंकीमां मायदेवी श्रपनेमेकेजा रही थी,
` चुल्लवग्ग (विनय-पिटक) ७, (“बुद्धचर्या', प° ६०)
` मज्मिनिकाय-श्रहुकथा, १।२।८
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