आदिपुराण में प्रतिपादित भारत एके एसी 4180 | Aadhipuran Me Pratipadhit Bharat Ac 4180
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
13 MB
कुल पष्ठ :
407
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)त्रादिपुराणमें प्रतिपादित मारत
विषय-स्रची
प्रथम अध्याय १.२५
आदविपुराणका सास्कृतिकं महत्त्व न्न है
शादिपुराणका बृहत्तर भारत : विस्तार-सीमा कलं ^
आदिपुराण ओौर शतिहास--सिदसेन, समन्तभद्र,
यशोभद्र आदिका संक्षिप्त परिचय ४ दें
आदिपुराण ओर कान्यतत्तव . समीक्षात्मकं विश्लेषण .... १०-१६
प्रचन्धकाव्यके गुण न्न १
वादूमयग्रथनकी रंलियांँ .. १७
पुराणतत्त्व «न... १८
पुराणका वण्यं विषय < ष
आदिपुराणका वर्ण्यं विषय ,.. २९
अदिपुराणके अध्ययनसे निष्पन्नं पुराणतत्तव => रेरे
आदिपुराणकी संक्षिप्त कथावस्तु .„ २२-२७
आदिुराणक्रे रचयिता : जिनसेन गौर गुणमद्र क द
जिनमेन परिचय न ' `
जिनतेनका समय .... ३०
जिनसेनकी रचनाएँ ... ३१
पाइवॉम्युदय == दय्
गुणभद्वाचार्यकी रचनाएँ «««« . ३३
जयधघवला टीका - ३३
आत्मानुशासन .... ३३
जिनदत्तचरित ५ ` देचें
ववितीय-अध्याय ३६१२४
आदिपुराणमे प्रतिपादित भूगोल - ३६
वैदिकपुसणों में वणित भूगोलके साथ तुलनात्मक समीक्षा .... ३९
जम्बूद्वीप : तुलनात्मक विवेचन न. जि
भरत क्षेत्र = डे
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