आदिपुराण में प्रतिपादित भारत एके एसी 4180 | Aadhipuran Me Pratipadhit Bharat Ac 4180

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Aadhipuran Me Pratipadhit Bharat Ac 4180 by नेमिचन्द्र शास्त्री - Nemichandra Shastri

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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त्रादिपुराणमें प्रतिपादित मारत विषय-स्रची प्रथम अध्याय १.२५ आदविपुराणका सास्कृतिकं महत्त्व न्न है शादिपुराणका बृहत्तर भारत : विस्तार-सीमा कलं ^ आदिपुराण ओौर शतिहास--सिदसेन, समन्तभद्र, यशोभद्र आदिका संक्षिप्त परिचय ४ दें आदिपुराण ओर कान्यतत्तव . समीक्षात्मकं विश्लेषण .... १०-१६ प्रचन्धकाव्यके गुण न्न १ वादूमयग्रथनकी रंलियांँ .. १७ पुराणतत्त्व «न... १८ पुराणका वण्यं विषय < ष आदिपुराणका वर्ण्यं विषय ,.. २९ अदिपुराणके अध्ययनसे निष्पन्नं पुराणतत्तव => रेरे आदिपुराणकी संक्षिप्त कथावस्तु .„ २२-२७ आदिुराणक्रे रचयिता : जिनसेन गौर गुणमद्र क द जिनमेन परिचय न ' ` जिनतेनका समय .... ३० जिनसेनकी रचनाएँ ... ३१ पाइवॉम्युदय == दय्‌ गुणभद्वाचार्यकी रचनाएँ «««« . ३३ जयधघवला टीका - ३३ आत्मानुशासन .... ३३ जिनदत्तचरित ५ ` देचें ववितीय-अध्याय ३६१२४ आदिपुराणमे प्रतिपादित भूगोल - ३६ वैदिकपुसणों में वणित भूगोलके साथ तुलनात्मक समीक्षा .... ३९ जम्बूद्वीप : तुलनात्मक विवेचन न. जि भरत क्षेत्र = डे




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