नई तालीम वॉल -२० | Nai Talim vol-20

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कला शिक्षक के कार्य में “वसा शिक्षक के कालाश” का थडा महत्त्व हे । इस कालाश में प्राय कला के भ्रष्ययन भौद शिक्षा सम्बन्धी समस्याभो पर विचार-विमर्श होता है। कभी कभी इसमें कला-दिक्षक नैतिक विपयो पर चर्चा करते हैं । इस प्रकार के विचार विमर्दा विद्याधियों के मैंतिक विश्वास को बढाने में सहायता करते हैं। कका-जीवन से सम्वघित घटनाभों पर विचार- विमर्श का इसमे बढ़ा भहत्व है। यह जाँच करने के लिए कि नये वातावरण में विद्यार्थी कंते व्यवहार करते हैं, कक्षा-शिक्षक भलग-भलग विद्याथियों के लिए भयवा समस्त विद्याथियों के लिए जीवन सम्बन्धी वास्तविक परिस्थितियां उत्पन्न करता है भौर उनके व्यवहार का नयी परिस्थितियों में भष्ययतन करता है। उदाहरण के लिए, यह जानने के लिए कि एक विद्यार्थी न्य साथियों के साथ पाठ के भतिरिक्त समय मे किस प्रकाय का व्यवहार करता है, उसमें सामूहिकता की भावना का विकास हुमा है कि नहीं, कक्षा-शिक्षक उसे सामू- हिक, सामाजिक कार्य को भोर प्राकपित करता है । कलता-शिक्षक भन्य शिक्षकों के साथ तथा कमसामोल थे पायनियर संगठनों के सफ्रिप कार्प के सहारे कई प्रकार के सदगामी कार्पेकलापों का झायोजन करता है--जैंसे विद्याथियों का सामाजिक लाभप्रद श्रम, राजनीतिक विषयों पर चर्चा, निबन्धो का पाठन, पाठक-तस्मेखन, वादबिवाद सथा निदिचित नियो पर बेठक, सप्रददालयों तथा प्रदर्शनियों में अमण, सिनेमा भौर थियेटर देखना भौर देखी हुई फिल्‍मों व नाटकों की समालोचना, विद्यार्थियों को पिपपसस्वस्वी कलबों तथा अन्य कलबों की झोर प्राकपित करना, विभिन्न श्रकोर की सात्राएँ । कक्षा शिक्षक के महत्वपूर्ण लक्ष्यों झर कार्यों में से, जंसा कि प्रो० ईवान ब्रफिमोविद श्रगरोदनिकोव मे भी लिखा है, एक लदप विद्याथियों की सेंडान्तिक सजनीतिक व नेतिक शिक्षा है। भरत यहाँ पर राजनीतिक सूचनाशओं का उल्लेख करना भी उपयुक्त होगा 7 कका शिक्षक पायनियर व कमसामोल संगठनों के द्वारा महृत्पूण घटनामों ( राष्टरीय भ्रौर प्रन्तरष्टीय) ते परिचय करना) पौचवों से घड़ी कपा में यह काम “एायनियद प्रसददा” के ऐसे प्रश्नों की संक्षिप्त टिप्पणी द्वारा दोता है जेसे हमारे समय के वीर, ससार म हमारे मित्रो के यहाँ, पूँजोवादी देशो के बच्चे । विद्यार्थ भी विभिन्न प्रकार को सूचनाएं एकजित बरते हैं। कई वियालपों में “ग्वर्तमान राजनीति के धलदों का संगठन किया जाता है।. भतुभदो कसा-दचिवक इस दात बा प्रपास करते हैं कि विद्याधियों को राजनीतिक शिक्षा का उनके सामाजिक यस्त, ७१ ] {१४




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