श्रावक के बारह व्रत | Shravak Ke Baarah Vrat

Jeev Ajeev by जेठमल - Jethmal

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अ्दिसा अणुघ्रत . १ ब्रत पहला अर्हिसा अणुत्रत युद्धे दौरान मै अमेरिका ने जापान कै दो शहरों पर 4४0 ए०प--परमाणु बम गिराये \ उनका नतीजा हमने देखा । खाल नर नारी पञ्च पक्षी पूष््म प्राणी खहा हो गये । हमने देखा परमाणु बम की दानवी शक्ति का नमूना । हिसा का तप्नअद्श॑न ओर वह भी एक ऐसे राष्ट्र वारा जो सभ्य-समाज का शिरोमणि माना जाता है। विज्ञान यददीं खत्म नद्दीं दो जाता । आगे बढ़िये-- तारीख १० सेषटम्बर १६४६ ॐ समाचार पतर भ मै खबर मिती दै- प्रमाणु बम से भी भयद्वर कीटाणु पदार्थ का आविष्कार-- श्य नये कीटाणु पदाथ के आविष्कार के सामने परमाणु बम बच्चों का खेठ भर रद गया है । इस कीटाणु पदार्थ की श) छुटौक मात्रा संसारका अन्त कर सकती है। परमाणु बम अब शुजरे लमनिकी वसतु हो गयी हं । इत्यादि । # ने 3, ` अ 11 569, 10, (1949) वट कणा 90000 प85 9९९ प्राप्त: ०680162 छि 2 णि00ट्ाटव] फस्0ठेपट इका 0६९8 ता सपा 15 राणा! (० 0] श्ण्टफ४ पण गए. € फनाोत, ८० 10 07 एाणत्‌ः कषानण, (भावात ष्ण (1, 1.3... पण्यप [दभृत् उहल ९ कण 070 15 0एऽणरय हर्श शृत 1६ ३ 11195 एष एण्य १० एण्य सरश. नै शिप 27८ पया (ण तल्ञ०्‌ फथा्ताते फ एणा कर्थ, कथात ७ पथे 207 8९४5 पाए पडनिक 1185 0पराघाई ऋष्ट. ८0 0१० फा पाड जा त परश्च. ८? ], हल्प््लः




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