श्रावक के बारह व्रत | Shravak Ke Baarah Vrat
श्रेणी : आलोचनात्मक / Critique, जैन धर्म / Jain Dharm
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
7 MB
कुल पष्ठ :
360
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अ्दिसा अणुघ्रत . १
ब्रत पहला
अर्हिसा अणुत्रत
युद्धे दौरान मै अमेरिका ने जापान कै दो शहरों पर 4४0
ए०प--परमाणु बम गिराये \ उनका नतीजा हमने देखा ।
खाल नर नारी पञ्च पक्षी पूष््म प्राणी खहा हो गये । हमने देखा
परमाणु बम की दानवी शक्ति का नमूना । हिसा का तप्नअद्श॑न
ओर वह भी एक ऐसे राष्ट्र वारा जो सभ्य-समाज का शिरोमणि
माना जाता है। विज्ञान यददीं खत्म नद्दीं दो जाता । आगे बढ़िये--
तारीख १० सेषटम्बर १६४६ ॐ समाचार पतर भ मै खबर मिती
दै- प्रमाणु बम से भी भयद्वर कीटाणु पदार्थ का आविष्कार--
श्य नये कीटाणु पदाथ के आविष्कार के सामने परमाणु बम बच्चों
का खेठ भर रद गया है । इस कीटाणु पदार्थ की श) छुटौक मात्रा
संसारका अन्त कर सकती है। परमाणु बम अब शुजरे लमनिकी
वसतु हो गयी हं । इत्यादि । #
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