जौहर | Jauhar

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Jauhar by श्री श्यामनारायण पाण्डेय - Shri Shyamnarayan Pandey

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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छोटे छोटे जीव भी दिखाई देने छगे | उस पर उसने. गोले बरसानेवाली हो रखवायीं | भय से चित्तोड़ कॉप उठा । अलाउद्दीन ने दूसरे दिन चित्तौड़ पर बड़े वेग से आक्रमण किया । राजपूत भी असावधान न थे । युद्ध आरम्भ हो गया चित्तौड़ी पर की मीमकाय तोपें गरज- गरजकर राजपूत-दछ का संद्ार करने छगीं । जीवन की ममता छोड़कर राजपूत भी शत्रुओं के शोणित से नहाने लगे । पाषाणों में बल खाती हुई रक्त की घाराएँ निकल पड़ीं । सिंदद्वार के युद्ध में राजपूतों ने वह साइस और वीरत दिखलायी कि उनके दाँत खट्टे हो गये दुर्ग में घुसना उनके छिए. कठिन ही नहीं असम्भव दो गया । पैतरे देते और तलवारें हुए वीर केसरियां का लोमहष॑ण संग्राम देखकर शत्रुओं का साइस ढीला पड़ गया । जेसे जैसे राजपू्तों की वीरता का परिचय मिलता वैसे वेसे विजय के बारे में उन्हें सन्देद होने छगा | दूसरी ओर चित्तौड़ी की तोपें आग उगल रही थीं चित्तोड़ के मकान तड़ तड़ के मैरवनाद के साथ घौय घौय जल रहे थे । अनाथ की तरह । दृथसारं में बैंचे हाथी और घुड़सारों में बेंधे घोड़े खड़े-खड़े झुलस गये | गड़गड़ाकर गोले गिरे भूडोल की तरह चित्तोड़ की नींव हिल उठी बड़ी बड़ी अट्टाठिकाएँ जड़ से उखड़ गर्यीं मन्दियों के साथ देव-मूततियों के टुकड़े-टुकड़े हो गये। मानवता के सीने पर दानवता ताण्डव कर रही थी गढ़ का चीत्कार तोपों की गड़गड़ाइट मेँ विठीन हो गया। चित्तौड़ के दुर्ग से आकाश तक धूल ही धूल धूम ही घूम मानो उनचासो पवन के साथ अनेक बबंडर उठे हो । तलवारों और बरछों से युद्ध करनेवाले किंकत्त॑व्यविमूढ़॒ राजपूत दुर्ग के ऊपर का कोप देख रहे थे । उनकी विकछ आखिों में एक बूँद आँसू भी नहीं था न मालूम क्यों ? सन्ध्या हुई रजनी ने अपनी काली चादर तान दी कलमुँदी रात का घोर अन्घकार दिशाओं में फैल गया और आकाश अपनी अगणित आँखों से दुर्ग का भयानक दृश्य देखने लगा | बापा रावल से बीसवीं पीढ़ी में रणसिंद नाम के एक बहुत पराक्रमी राजा हो गये हैं । उनसे रावल और राणा नाम की दो दाखाएँ. फूटीं रावलवंशीय रतनसिंद चित्तोड़ के अन्तिम शासक थे और राणा शाखावाछ़े सीसोदे की जागीर पाकर वहीं राज करते थे | वहाँ के अधिपति लक्ष्मणसिंद रावल रतनसिंद से दूध पानी को तरह मिडे थे अछाउद्दीन से दोनों मिलकर लड़ रहे थे दोनों के जन-बढ से चित्तोड़ की रक्षा की जा रही थी |




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