तत्वयुक्त निजबोध विवेक | Tatwayukt Nijbodh Vivek

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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( १८ ) कः त्वयुक्तं निजगोध विवेकयन्थका विषयानुक्रमणिका वणन नए ल्‍ ति विषय | एक |. १८६ , टिप्पणी वर्णन ( १ से ३० और १ से १४ तक ) ... रैद१ से १६८ . ९७ मयाप्रकृतिके अष्ट-गण अङ्ग वर्णन ॥ रे =... १६८ रिप्पणी वणन (१ से १९ तक ) -.- १७१ से १७२ ९८ मायाप्रकृतिके नव-नव अङ्ग वणन । १६ ॥ ~. १७ ` टिप्पणी वणेन (९ से १२ तक ) ... १७५ से १७७ ` ९९ मायाप्रक्ृतिके दश-दश शर्ध वणन ॥ ९७ ॥ --- १७७ | रिप्पणी चणेन ( १ से १२ तक ) ,. १७८ से १७६ १०० माया प्रकृिके ११ ।९२। १३ । १४। १५ इत्यादि षि * लेक अड् वर्णन । १८ ॥ ६५ अभि १७९ टिप्पणी वर्णनः-- एकादश अङ्ग वणेन (सेष्र तक) ` १७९ से १८० द्वादश अङ्ग वणन (्सेष्छतक) .- १८१ सेष्म्दे कपूरके १३ प्रकार कहा है शक १८९ .. चतुर्देश अड चुन ( रै से दे तक ) ...... श्८४ से १८५ मायाके १५ नाम । ४ घोडा अङ्‌ वणेन ( १ से दे तक ) -...... र८दि से शेद9 ब्ष्ठाद्श अड् वणन (रसे तक) --- श्८७से१८८ १९ भाग 1 २० भाग । २१ ब्रह्माण्ड वणेन ... म्प चौबीस श्रह्ग वन (श्सेतक) ~ १८२ पचीस अङ्ग वणन (१सेदेतक) ..~ १८९ . २७ नक्तर्नोके नाम । र्ठ नक्षत्राधिपति .-- १८९ से १९० रेप नरक ) रद उपपुराण ~ ... १९०. बत्तीस विद्याएँ । अस्त्र-शस्त्रॉके ३९ नाम १९० से १९१ चौतीसं अक्षर वा ९२ वर्ण 5 “ पक १९१ की छः रा्गाकी छन्तीख रागिनियो -... | ... रै९१ से रथ न 'सुख्य-सुख्य ३६ नाताएँ न, व, १९२ ।




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