यशरितलक का सांस्कृतिक अध्ययन | Yasharitilak Ka Sanskritik Adhyayan

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Yasharitilak Ka Sanskritik Adhyayan  by गोकुलचन्द्र जैन - Gokulchandra Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१५ भाम्रात्क, पिनुमन्द, सोभाजन, वृहतीवार्वाक, एरण्ड, पाण्डु वल्लक, रारूक, कोकुन्द, काकमाची, नागर, ताल, मन्दर, नागवल्ली, वाण, असन, पृण, भक्षोल, खजूर, कवलो, जम्बीर, मश्व, कपित्थ, मेर, राजादन, पारिजात पनस, ककुभ, वट, कुरवक, जम्बु, ददरीके पुण्ड, मृदरीका, नारिकेल, उदुम्बर प्क । तैयार की गयी सामभ्री- भक्त, सूप शष्कुली, समि, यवाग्‌, सोदकं, परमाच्र साण्डव, रसाल मामिका, पक्वा, अवद, उपदशं सपिषिस्नात, अगारपाचित, दध्नापरिष्लृत पयसा विदुष्क, पर्पट । मासाहार और मांसाहार निषेष--जैनधम में मासाहार का विरोध कौर, कापालिक जदि सम्प्रदायों में मासाहार की घार्मिक अनुमति, बच्य पशु-पक्षी--मेष, महिष, मय, मातग मितद्रु कुभीर मकर सालूर कुलीर, कमठ, पाठीन भेरुण्ड क्रीच, कोक कुकुट, कुरर, कलूहस, चमर, चमूरु, हरिण, हरि. वृक, वराह, वानर, गोखुर । क्षत्रिय तथा ब्राह्मण परिवारों में मास का व्यवहार, यश और श्राद्ध में मांस प्रयोग, मनुस्मूृति को साझी, छोटी जातियों में मास प्रयोग, मांसाहार-सिषेघ । परिच्छेद ६ स्वास्थ्य, रोग ओर उनकी परिचर्या १०८-१२० खान-पान ओौर स्वास्थ्य कां जनन्य सम्बध, मनुष्यो की विभिन्न प्रकार की प्रकृति जठराग्नि ऋतुमो के अनुसार प्रकृति परिवतन तु-बर्या ऋतुओं के अनुसार खाद्य और पेय । भोजन-पान के विषय में अन्य जानकारी --भोजन का समय, सहे भोजन भोजन के समय बजनीय ग्यक्ति ममोज्य पदाथ, मोज्य पदार्थं, विषयुक्तं मोजन भोजन के विषय मे अन्य नियम, मोजने करने की विधि ! राश्रिश्चयन या निद्रा + नीष्टार या मलमूत्र विसजन तैर मालिश उबटन, स्नान, स्नानोपरान्त भोजन, व्यायाम । रोम भौर उनकी परिषर्या--भजीण-विदाहि और दुर्जर, धजीण कै कारण, अजीण के प्रकार, अजीण की परिचर्या, दृग्मान्य, वमल, ज्वर, भगन्दर, उसका पुश्प लक्षण प्रकार और उसकी परिचर्या, मुत्म सितश्वित 1 औषधिया--मागधी, अमृता, सोम, विजया, जम्बूक, सुदशना, मरुद्धव, अजुन, अभीर, लक्ष्मी, बुती, तपस्विनी, चन्द्ररेखा, ककि, जक, अरिमेद, छिवप्रिय, गायत्री, प्रन्थिपर्णं , पारदरय । आयुर्वेद विशेषज्ञ आचाय--काशिराज, निमि, चारायण, भिषण, चरक ।




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