वीतराग - विज्ञान | Veetrag Vigyan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Veetrag Vigyan  by पं. दौलतराम जी - Pt. Daulatram Ji

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

Author Image Avatar

पं. दौलतराम जयपुर की तेरहपंथ शैली में एक समादृत विद्वान थे। उन्होने वि॰सं॰ १८२३ में 'पद्मपुराण' नामक हिन्दी ग्रन्थ की रचना की जो पद्मपुराण के मूलश्लोकों का यह अनुवाद है। वे आधुनिक मानक हिन्दी के आरम्भिक साहित्यकारों में गिने जाते हैं।

Read More About . Pt. Daulatram Ji

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
विषय सूची वीतरागविज्ञान को नमस्कार क -.. मगलाचरण : श्रीगुरु जीवोको सुखकर उपदेश देते हैं... .. गाथा १ अपने हितके लिये भावश्रवण करने का उपदेश ... गाथा २ मिथ्यात्वजन्य भवभ्रमण के दुखोकी करुणकथा ... गाथा ३ तिर्यंचगति के दूखो को कथा ... . गाथा ४ नरकगति कं दुखो की कथा ... गा ९से १२ मनुष्यगति के दुखो की कथा -- गा. १३ से १४ देवगति के दुखो को कथा ... गा. १५ से १६ बोधिदुलभ-अनुप्रेक्षा का चित्र चीत रागविज्ञान-प्रनोत्तरी --. (२०० प्रइन-उत्तर )




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now