देश भाक्ति की कविताए | Desh Bhakti Ki Kavitayan

Desh Bhakti Ki Kavitayan by नरेन्द्र सिन्हा - Narendra Sinha

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about नरेन्द्र सिन्हा - Narendra Sinha

Add Infomation AboutNarendra Sinha

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जया. -न ना अजज :र, ) 1 2 े पे ख])5%5 -जयाबह) अनुक्रम भारत दुदशा ;. झब काल पडा है भारी विवादी बढ़े हू यहा कसे क्से दिन फेर पिता भारते मीत कमवीर मात भूमि वदना भारतभूमि हमारी जग भारत का जय गान क्रो हम स्वदेश के प्राण जम दिया माता सा जिसने हमारा प्यारा भारतवप मातृभूमि गगा माग रही है मस्तक जमना मांग रही है सपने --1 एस्०एपि0/82 भारते दु हरिश्चद्र बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' प्रतापनारायण मिश्र नाथूराम शकर शमा श्रीधर पाठव अ्रयोध्यार्सिह उपाध्याय 'हरिमौध' सत्यदेव परिब्राजक माधव शुक्ल गिरिधर शर्मा 'नवरत्न' गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' मसन द्विवेदी “गजपुरी' लॉचनप्रसाद पाण्डेय मधिलीशरण गुप्त माखनलाल चतुर्वेदी (दाद] 10 14 5 श्र 19 20 21 22 24




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now