राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रंथ - सूची भाग - 5 | Rajsthan Ke Jain Shastra Bhandaro Ki Granth Suchi bhag - 5
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
51 MB
कुल पष्ठ :
1448
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे। आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी का जन्म श्रावण शुक्ल एकादशी संवत् 1964 तदनुसार 19 अगस्त 1907 ई० को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 'आरत दुबे का छपरा', ओझवलिया नामक गाँव में हुआ था। इनके पिता का नाम श्री अनमोल द्विवेदी और माता का नाम श्रीमती ज्योतिष्मती था। इनका परिवार ज्योतिष विद्या के लिए प्रसिद्ध था। इनके पिता पं॰ अनमोल द्विवेदी संस्कृत के प्रकांड पंडित थे। द्विवेदी जी के बचपन का नाम वैद्यनाथ द्विवेदी था।
द्विवेदी जी की प्रारंभिक शिक्षा गाँव के स्कूल में ही हुई। उन्होंने 1920 में वसरियापुर के मिडिल स्कूल स
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)इस अवसर पर स्व गुरुवर्यय प० चैनसुखदास जो सा» न्यायतीर्थ के चरणों में सादर श्रद्धान्जसि
झपित है जिनकी सतत प्रेरणा से ही राजस्थान के इन शास्त्र मण्डारों की ग्र थ सूची का कार्य किया जा सका!
हमे हमारे सहयोगो स्व ° सुगनकम्द जी जंन की सेवाग्रों को भी नहीं मुसा सकते जिन्होंने हमारे साथ रह कर
शास्त्र भण्डारों की प्र थ सूची बनाने मे हमे पुरा सहयोग दिय चा । उनके भ्राकस्मिक स्वगंवास से साहित्यिक कायो
में हमें काफी क्षति पहुंची है । हम उदीयमांन शोधार्थी श्री प्रेमच द राबका के मी ग्रामारी है जिन्होनिश्रच सूची
की भनुक्रमर्िकार्ये तैयार करने मे पूरा सहयोग दिया है ।
हिण्डी के मद्ध्य विद्वान् दा हजारो प्रसाद जी द्विवेदी के हम प्रत्यधिक प्ाभारी हैं. जिन्होंने हमारे
निवेदन पर प्रथ सुची पर पुरोवाक् लिखने को महतो कृपा को है । जैन साहित्य की प्रोर श्रापकी विष रचि रही है
झौर हुमें प्राशा है कि प्रापकी प्रेरणा से हिन्दी के इतिदास में जैन विद्वानों को कृतियों को उचित स्थान प्राप्त
होगा ।
राष्ट्रसत मुनिम्रबर श्री विद्यान दजी महाराज का हम किन शब्दों में प्रभार प्रकट करें । मुनि थी के
झाशीर्वाद हो हमारी साहित्यिक साघना का सबल है ।
१-१-७२ कस्तुरचन्द कासलीवाल
प्रनपचन्द न्थायक्षीथ
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