भारत की संस्कृति - साधना | Bharat Ki Sanskriti Sadhana
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
16 MB
कुल पष्ठ :
452
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भारत को सांस्कृतिक, सामाजिक श्रौर राजनीतिक एकता का प्रादुर्भाव हुआ ।
राजनीतिक परिस्यितियाँ `
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परिस्थितियों के कारण उत्पन्न हुई विपमत्ताये प्रत्यक्ष ही है । किसी भी राष्ट्र में जान्ति
अर सुव्यवत्या होने पर स्वणिम सस्क्ति का ब्रम्यदय होता है ।
एतिहासिक परिस्यितियां
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परिस्थितियों का प्रभाव परिलक्षित होता है। इनमें सबने अधिक महत्त्वपुर्ण है
किसी एक देव के घिविथ जन-समुदायों का पारस्पर्क्ति सस्पक अववा विदेशी जातियों
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वन जाता ह। सारताव ्ाय-सन्क्ात के अतए & मप-नमय पर् एना एतहासक
परिस्थितियां उपादेय निदं हई =
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महापुरुषो को देन
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श्रपने विचारो. तियो ओर सन्देगो क द्ारा सार्क्रातक वारा को अआआननवं
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हत्वप सास्करतिक्त इतिदास से प्रतीत होता है कि यदि
दया होता तो देव आज जहाँ है, वहाँ
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कोड् एक वििष्ट पर्प न
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~» यम >> म ~~ कमर व सांस्कृतिक अध्व त्थान =
त 1 कमी -कनो असंख्य महापुरपा का वुन-चतना ना चत्ता जक्रार न्ट च ्सुप्वातत
मे योय देती है । असंख्य महपियों कौ तपःसावना ओर चिन्तन के फलस्वरूप उप-
भ (र उपनिपदों ~+ ~ क्यश् रतीय संसक्ति ग विकास ==
निपदो का प्रणयन हुञ्चा 1 इन उपनिपदों का भारतीय सरक्ात के (विकास के लिए
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