भारतीय शासन | Bhaaratiiy Shaasan

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : भारतीय शासन  - Bhaaratiiy Shaasan

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about भगवानदास केला - Bhagwandas Kela

Add Infomation AboutBhagwandas Kela

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
८ भारतीय शॉसन अधिकारी हो जाता है । अंगरेज़ सरकार इस राज्य को प्रति वषं द्स लाख रुपये भेंट करती है। यहाँके क्रायदे क़ानून प्राचीन हिन्दू शास्त्रों के अनुसार है। शासन में कठोरता है, चोरी, डाके आदि को रोकने का कड़ा प्रबन्ध है। मुक़दम स्वयं 'तीन सरकार! सुनते हैं, उनमें वकीलों की आवश्यकता नहीं होती । बमा--उन्नी सवो शताब्दी के मध्य मे, भारतवषं पर अधिकार कर लेने के बाद, अंगरेजों ने बर्मा लेने का प्रयत्न किया, प्रर उक्तं शताब्दं के श्रन्तिम भाग में उस क्रमश: प्राप्त कर लेन पर ब्रिटिश भारत के अन्तगंत एक प्रान्त बना दिया; कारण, अंगरेज़्ों को उसके लिए अलग सरकार स्थापित करने की सुविधा न थी, ओर बर्मा को जीतने में भारतवष के ही जन- धन का उपयोग हुआ था। बर्मा अपनी पैदावार के कारण अद्भगरज़ों के लिए बहुत लाभप्रद रहा, और विशेषतया मिटटी के तेल के कारण श्रांधुनिक मोटर तथा वायुयान के युग में, यह राजनैतिक दृष्टि स भो साम्राज्य के लिए बहूव उपयोगी प्रमाणित हुआ। इसके अतिरिक्त, सिंगापुर मे जल-सेना का केन्द्र बनने से बमो का महत्व चोर भी बद्‌ गया । त्रिरिश भारतमें, गत वर्षो में स्वातन्ज्य-श्रान्दोलन क्रमशः अधिकाधिक अग्रखर होने से, अगरेज़ों को उसके साथ बमो के भी स्वतन्त्र हो जाने की आशक्का होना स्वाभाविक था। अस्तु, अंगरेज़ों ने उसे ब्रिटिश भारत से अलग करने का विचार किया और इस विषय में भारत नथा बर्मा के जनमत पर ध्यान न देकर उन्होने खन १६३५ में वमां के लिए प्रथक्‌ शासनपद्धति का निर्माण कर दिया ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now