तीमारदारी | Timardari
श्रेणी : आयुर्वेद / Ayurveda
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
148
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ह ( ६ )
इसी पर थर्मामीटर और दूसरी चीजें, जिनके टूटने का डर हो, रक्खी
रहनी चाहिये ।
कुरसी ;--- केवल एक या दो रहें, क्योंकि रोगी के पास देखने
वालों की भीड़ न हो । मामूली तौर पर सबको साफ हवा की आवश्य-
कता होती है। रोगी को और भी अधिक, क्योंकि वह रोग से पीड़ित
है। इसलिए भीड कम रखने के लिए रोगी की चारपाई के पास दो
से अधिक कुरसियाँ न रहने देनी चाहिये | रोगी के विस्तर पर जहाँ
तक हो सके न तो तीमारदार और न किसी वाहर से आये हुए
सज्जन को ही वैठना चाहिये | ऐसा करने से मरीज तथा दूसरे
लोगों को भी फायदा है। मरीज को गन्दा विस्तर वहत बुरा लगता
है । वाहरी लोगों के धैठने से विस्तर गन्दा हो जाता दै। वहूत-सी
वीसारियाँ उड़नी होती हैं। मरीज के पास चिस्तर पर वैठने से उन.
वीमारियों के लगने का भय अधिक लगा रहता हैं. । इसलिए कुरसी रहने
से सब की फायदा है।
आराम कुरसी :--मरीज जब कुछ अच्छा होने लगता है
तो उसको हरदम चारपाई पर लेटे रहना भारी लगता है | ऐसी हालत
में आराम कुरसी वहुत सुख देने वाली चीज है क्योकि इस पर मरीज
जब चाहे लेट सकता है और जब चाहे वैठ भी सकता है।
आलमारी १---कर्ी-कभी कई शीशियाँ, प्याले, गिलास, लोटा
वगैरह के एक ही मेज पर रहने से उनके टूटने और गिर जाने का
डर रहता है। इसलिए लकड़ी की छोटी-सी आलमारी या रैक एक
किनारे रखी रहे तो अच्छा है। इसमें खाने-पीने के वरतन, प्याले, स्टोब
वगैरह रखने चाहिये |
यह आलमारी जालीदार हो तो बहुत च्छा है, क्योकि इसमें
खाने की चीजें ( फल आदि ) रखी जा सकती हैं। जाली के कारण
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