गीता नवनीत भाग - 1 | Geeta Navneet Bhag-1

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Geeta Navneet Bhag-1 by केशव देव आचार्य - Keshav Dev Aachary

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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-जीता-नचनीत पहला परिच्देद गीता और उसका मानव जीयन से सम्बन्ध गीता शब्द का अर्थ हूँ. याई गई या कही गई | सद्दाभारत युद्ध के समय युद्ध का परिर्याग करने को इच्छा दोने पर 'अजुस को शीकृष्य मे जो उपदेश दिया बद्दी गीता ई.! इसके कहने वाले ही से प्रकट दोता है. * स् समुपोेष्वनीकेण छुरुपारडबयोश थे । जज ने विमनस्के च गीता भगवता स्वपस्‌ ॥। (महामास्त शान्ति पे रैध्द । घ्डे कौरवों और पादवों के युद्ध के समय जब दोनों पन्नों की सेना युद्ध के लिये तैयार थीं और छजुंन शोकमर्त हो गया था दव स्वर भगवान, ने उसे इसका उपदेश दिया था ! 'चिदानन्देन कृप्ठेन प्रोहा स्वप्ुसतोज्ज नम । सचिदानन्दस्परूप भरीरप्ण ने स्वयं अपने ुस से झ्ुभ्न को सदी पक या स्वर्य प्रनाभस्प सुख शखूता 1 (महा० मीष्म० ३१)




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