काव्य का देवता : निराला | Kavya Ka Devta Nirala

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Kavya Ka Devta Nirala by

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

विश्वम्भर मानव - Vishwambhar Manav

No Information available about विश्वम्भर मानव - Vishwambhar Manav

Add Infomation AboutVishwambhar Manav

श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' - Shri Suryakant Tripathi 'Nirala'

No Information available about श्री सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' - Shri Suryakant Tripathi 'Nirala'

Add Infomation AboutShri Suryakant TripathiNirala'

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
जीवन श्र ३००) मासिक से इनकी श्राधिक सहायता की । १५ झवतूवर १९६१ को चित्रकार कमलाशंकर के दारागंज वाले मकान में पूर्वाह्न € बजकर २३ मिनट पर इन्होंने अपने भौतिक शरीर को त्याग दिया । मृत्यु से पहले थे हानिया रोग से पीड़ित थे । निराला ने श्रपने जीवन मे निम्नलिखित काव्य-ग्रंथों का प्रणयन किया-- * झनामिका परिमल गीतिका तुलसीदास कुकुरमुत्ता अखिंमा नए पत्ते चेला भ्र्चना झ्राराघना गीत-गूंज १९९३ १६२४ श€३६ १६३८ १९४२ श्९४३४ १६४६ १६४६ श्६४५० श्६४३ १९५१४ +म्रनामिका ( १६३८ ) श्र भीत-गुंज ( १६५९ ) के द्वितीय परिवद्धित संस्करण प्रचलित हूं ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now