भूदान - गंगा भाग - 6 | Bhoodan Ganga Bhag -6
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
328
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पा भो इना हमार एकप ४४
जिप्लाते रहते हैं ऊि छड़ाइ न शे, शास्धि रहे पर उनके हाथ में सिर्फ पिहल्लाना
दीहै। बोई मौ मर अपनी थीड़ी पाठ की गंबो पर ?ढ़े, ठो घारे गाव गो
आग रूप सऊठी है। इसो तरदइ किसी एक मूस के मन में झाये गौर बह किठी
ইয় নং জীতান্তা श्राजमण कर मैटे, तो लाश शुरू हो छायगी। किली एक
करनीठिश का टिमास जिद प्र, तो बह सारी पुनिपाको शझ्राग क्षणा घरता है।
आज का समाथ ऐसा है कि इमने भ्रपना मक्ा बुरा करने की शक्ति बंद लोगों के
হা में हे रपी है।
असर शपने लिए. मगझान् से सदुधुद्धि हेने की प्रार्थना करने का रिवाथ
& | शेडिन बाद बहुत बार झपने लिए प्रार्थना नहीं करठा | गद मगवान् से थरी
গালা करता दै कि मगरन् | झ्राइक को लयदद्धि ऐ इक्गानिन झोर इश्न को
अक्श दे !! क्पोकि यद छानदा है कि मगबान् হা দী ঈনহূ্ট অনাটীগা টি
पह पुनिया का नुक्सान नी कर ठकठा | सेरिन झगर दर ईडन प्राक श्रीर्
शह्मानिन को प्रक््श न दे, ता दुनिया खतम दो खलगगी। इसहिए दावा से शुक
स्पार्य छोद दिया भर बेयल परायंदुद्धि से उन लोगों के लिए प्रापेना करता है।
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यह दे कि 'मगगन् , यू एप ऐसी बुदि दे ढि इस अपना कारोजर ख॑ंद लोगों के
दाप में न सौप। श्रौर यरी श्माय प्रपन है को मूहान, छप रुदान ने जरिये
बल रदा दे । इठडिए छाबा का दाश है हि भूटान के নিবি হিয়া के लिए
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नरी णनाा।
অনূল चाहिप
इस प्रारसे भूरान का बुनियादी विचार शगभयो हैं. लो इम्द्ररा काम ঘুম
হী है। कमी एम গীত ण्व मी झापड़े प्रेश में सटगे। सेशन दैसे छाप
पारा बा मन अंदर से देखें तो भारश दूरी ही चोश दैपेरी। पद्गर बर्न
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শলো | পায় का शाम दिये एक प्रशण शिने पा सयय से म, उव श्राति
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