परिशिष्ट पर्व अर्थात् ऐतिहासिक पुस्तक [भाग १] | Parishishta Parva Or Aitihasik Pustak [Part 1]

Parishishta Parva Or Aitihasik Pustak [Part 1] by तिलक विजय - Tilak Vijay

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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अथात्‌ ~> एतिहासिक पुस्तक. #< ०१८) 2.६. -॥॥ पहला परिच्छेद ॥# ८ 5).2१/५०७४० प्रसन्नचेद्र रार्र्पि ओर वत्कलचीरी. -9--& उ. ॥ वन्दे वीरम्‌ ॥ कल्याणपादपारार्म श्रुतगह्महिमाचलम । विश्वाम्भोजरविं देवं वन्दे श्रीज्ञातनन्दनम्‌ ॥ १ ॥ पान्तु वः श्रीमहावीर-स्वामिनो देशनागिरः। भव्यानामान्तरमल-प्रक्षालनजलोपमाः ॥ २ ॥ इसी जबुद्रीपफे अधं दक्षिण भरततेजमं “ म्रगध ” नामका एक बडा भारी देश है। उस देश्वम गाम तो नगरोंके समान हैं,




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