सत्याग्रह आश्रम का इतिहास | Satyagraha Ashramka Eitihash
लेखक :
मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi ),
रामनारायण चौधरी - Ramanarayan Chaudhari
रामनारायण चौधरी - Ramanarayan Chaudhari
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
112
श्रेणी :
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मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )
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रामनारायण चौधरी - Ramanarayan Chaudhari
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)চা
१५
तैयार स्प्रा जोर जिस तरद पुरानेमें जिलना जीवित था आपकी
रक्षा करके झुसे नया रूप दिया और वर्मक्नों झिन्दा बनाया ।
अब अगर अहिंगाके मार्गसे रीघी मादी कोशिशके बल मिली
हुओ थाज़ादी सो न बैठना दो, बन्कि मिस आजादही हदें
मज़बूत परके दुनियारी सेवा उग्मेदी ताक्न अपने देशमें खानी हो,
ते! गाधीतीश आश्रम-प्रएत्तिक्ा प्रयोग खार व्यक न्ति হাদী
सेना चाहिये ! स्ते आश्रम प्राम बुयोगनि नो यज्ते त दने चाहिये,
भिनसे भी ज़्यादा शिक्षाओं वातावरणसे सुगधित द्वोने चाहियें ।
अिस पुस्तकयों भूतगालफे ओक बोवप्रद प्रयोगऊे प्रयान्वी
दैसिपतसे नहीं देखना चाहिये । मगर रष्ट्रपिलऊ द्वारा आनेवाले
पाँच লী वर्षोकी राष्ट्रीय साथनाऊँ लि त्ति गये अन सरुमूतिदायकफ
प्रयोगऊ रपमें झुपा अध्ययन फरके झुस्मेसे वज्सरत प्राप्त
দহ ভিউ भिम भिनिदासल अध्ययन दोना यादि । द्रन्
१९३३ में जो प्रयोग, टट गाथा, उह ती म्पि, उगद जगद्
गारे देशमें फिसमे शुरू दोना चाहिये । तभी हिन्दुस्तानश सी नया
अग्िसभयवर होगा।
काका पालिलटकर
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