सत्याग्रह आश्रम का इतिहास | Satyagraha Ashramka Eitihash

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Satyagraha Ashramka Eitihash by मोहनदास करमचंद गांधी - Mohandas Karamchand Gandhi ( Mahatma Gandhi )रामनारायण चौधरी - Ramanarayan Chaudhari

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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চা १५ तैयार स्प्रा जोर जिस तरद पुरानेमें जिलना जीवित था आपकी रक्षा करके झुसे नया रूप दिया और वर्मक्नों झिन्दा बनाया । अब अगर अहिंगाके मार्गसे रीघी मादी कोशिशके बल मिली हुओ थाज़ादी सो न बैठना दो, बन्कि मिस आजादही हदें मज़बूत परके दुनियारी सेवा उग्मेदी ताक्न अपने देशमें खानी हो, ते! गाधीतीश आश्रम-प्रएत्तिक्ा प्रयोग खार व्यक न्ति হাদী सेना चाहिये ! स्ते आश्रम प्राम बुयोगनि नो यज्ते त दने चाहिये, भिनसे भी ज़्यादा शिक्षाओं वातावरणसे सुगधित द्वोने चाहियें । अिस पुस्तकयों भूतगालफे ओक बोवप्रद प्रयोगऊे प्रयान्वी दैसिपतसे नहीं देखना चाहिये । मगर रष्ट्रपिलऊ द्वारा आनेवाले पाँच লী वर्षोकी राष्ट्रीय साथनाऊँ लि त्ति गये अन सरुमूतिदायकफ प्रयोगऊ रपमें झुपा अध्ययन फरके झुस्‍मेसे वज्सरत प्राप्त দহ ভিউ भिम भिनिदासल अध्ययन दोना यादि । द्रन्‌ १९३३ में जो प्रयोग, टट गाथा, उह ती म्पि, उगद जगद्‌ गारे देशमें फिसमे शुरू दोना चाहिये । तभी हिन्दुस्तानश सी नया अग्िसभयवर होगा। काका पालिलटकर




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