अट्टहारवी शती के संस्कृत रूपक | Attharahvi Shati Ke Sanskrit Roopak

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Book Image : अट्टहारवी शती के संस्कृत रूपक  - Attharahvi Shati Ke Sanskrit Roopak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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8 ऐतिहासिक पृष्ठमूमि अधिकार कर लिया । उन्हे चौबीस परगना पर जमीदारी के भ्रधिकार मिल गये । बलाइव को लगमग 25 लाख रुपये का व्यक्तिगत लाभ हुप्ना । वह राजसिहासत के पीछे वास्तविक शक्ति वत यया । मीरजाफर केवल नाःगम्म मात्र का नवाब रह गया। बह गृहप्रशासन समालता था तथा अग्रेजों के हाथ मे प्रान्त का सैनिक प्रशासक था। इस दोहरे शासन प्रवध से बगाल मे अराजक्ता फेली । अग्रेज मीरजाफर को बहुत कृष्ट देते थे । अग्रेजो ने मौरजाफर को हटाकर मौर कासिम को बगाल का नवाब बना दिया { फिर उन्होने मीरकासिम को भपना विरोधी देखकर उसके साथ युद्ध की घोषणा कर दी । मीरकासिम मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के पास भाग गया। मौरकाप्तिम श्रौर शाहप्रालम द्वितीय की सेनाओं ने मिलकर प्रग्नेजो से युद्ध किया परन्तु वे 1764 ई७ मे पराजित हुई | इसके फलस्वरूप क्लाइव को मुगल सम्राट से बगाल की दीवानी मिली । भ्रव ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा प्रातो मे राजस्व लेने का प्रधिकार मिल गया। इस प्रकार बलाइव ने মাহৰ ঈ भ्रग्रेजी शासन को नीव डाली । 1760 ई० मे क्लाइव इगलेंड लौट गया । उसके जाने के पश्चात्‌ कुशासन के कारण बंगाल में अव्यवस्था फेल गईं! इसलिए 1765 ई० में शान्ति और व्यवस्था स्थापित करने फे लिये क्लाइव को पुन भारत भेजा गया । इस वार क्लाइव ने बेगाल तथा कम्पनी के प्रशासन मे भ्रनेक सुघार कयि । कम्पनी के कर्मचारियों को आ्रान्तरिक व्यापार करने तथा मेंट स्वीकार करने से सना कर दिया यया । इससे वे प्सन्तुष्ट हो गये और क्लाइव से घृणा करने लगे। 1767 ई० में भस्वस्थता के कारण कलाइव इग्लंड लोट गया । 1772 ई० भे वारेन हेस्टिग्ज को बगाल का गवर्नर निक्त किया मघा। 1773 ई० मे रेग्यूलेटिय एक्ट पारित हुआ । इससे बंगाल के ग्वनंर को कम्पनी फी समस्त भारतीय सम्पत्ति का गवनेर जनरल बना दिया गया । वारेन हेस्टिग्स को भारत का भ्रथम गवर्नेर नियुक्त किया गया । गवनेर जनरल की सहायता के लिये चार सदस्यो की एक परिषद्‌ नियुक्त कौ गई 1 मारतमे सर्वोच्च स्‍्यायालय की स्थापना फी गई जिपमे एक प्रधान न्यायाधीश तथा तीन श्रन्य म्यायाधौश होते ये । इसी समय ब्रिटिश ईस्ट इण्डिया कम्पनी की प्ाथिक स्थिति का परीक्षण करने के लिये एक समिति की नियुक्ती की गई । वारेन हैस्टिग्ज ने भारत मे भग्रेजो को शब्ित बढ़ाने के लिए कार्य किया । उसने 1772 ई मे रुहेलखण्ड को जीतकर अग्रेजी राज्य की सौमा बढाई। उसने मराठो को युद्ध मे पराजित कर 1782 ई. मे उनके साथ सालबाई कौ सन्धि कर লী । इससे श्दरेनो को सालमेट की प्राप्ति हुई ।




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