संक्षिप जैन इतिहास भाग 2 खंड 2 | Sankshipta Jain Itihas Bhag-ii Khand-ii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3 MB
कुल पष्ठ :
202
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१८)
निकाय' (7, 1', ७. )1
चरि०-परिशिष्ट पर्-श्री हेमचन्द्राचाय ।
प्राजलेस ०-प्रादीन जैन लेख मप्रह कामताप्रसाद जैन ( वर्धा )1
बविओं जस्मा०-जमाढ, बिहार, ओोड़ीसा जैन स्मारक-श्री अह्म-
नारी शीतटप्रसादजी ।
दंजस्मा०:-्त्रम्पई प्रातके प्राचीन जन स्मास्क ब्र ० शीतटप्रसादजी।
युड^ दिष्ट इन्डिया-ग्रा ° ही उविइस 1
मापा०्~मगवान् प्राश्नाथ-ठे° कामताप्रसाद जेन ( सूरत )}
भपरनभगवान महावीर- 9: ` ॐ पड `
भमबु०-भगयान महावीर और मब्बुद्ध कामताप्रसाद जन (सुरत)।
मपी ० मद्राग्कं मीमासा ( गुजराती ) सूरत |
माई०-भारतवर्धका इतिहास-डै० ईश्वरीप्रसाद डी० लिह्
प्रयाम १९२७) ।
मामगो०=अनौक-ठा° भण्डारक ( कन्कत्ता ) ।
माप्रारा०=मासतके पराचीन सज श्र. विश्धपनाथ रेड (वत्रा
भाधासइ०-भारतश्ी प्राचीन सम्यताका इतिहास, सर रमेशचंद्र दत्त]
मन६०-मराठी जैन इतिहास |
भनि 95
मन्क्षमि०=
ममप्रजेस्मा ०-मद्रास मैसुरके प्रा० जेन स्मारक ब ० शीतरप्रसादजी |
मद्दा ०-महाबग्ग (5, 8. ए प्रण. ए }.
पिचिन्द्र०~मिटिन्द पन्द (8. 5 ০, সু.)
मुराण्ज्मुद्रा राक्षस नाटक-इन दी ट्विन्दू डामेटिस दर्कस, विडसन।|
खूछा०-मुठाचार वह्केर स्वामी (हिन्दी भाषा सह्दित बम्पई)]
मन्झिमनिकाय २. 7, 5.
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