बीकानेर राज्य का इतिहास भाग 2 | Bikaner Rajay ka Itihas Part 2
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
22.32 MB
कुल पष्ठ :
616
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महामहोपाध्याय राय बहादुर पंडित गौरीशंकर हीराचन्द्र ओझा - Mahamahopadhyaya Rai Bahadur Pandit Gaurishankar Hirachand Ojha
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)ट
विद्द्दद को प्रारंभ से ही मेरे अ्रंथों के झवलोकन करने की रुचि
रही दे । मुफे झाशा है. कि मेरा चीकानेर राज्य का इतिहास भी उन्हें
रुचिप्रद् होगा । यह सर्वाग पूर्ण है, इसका दावा तो में नद्दीं कर सकता,
पर इसमें झाघुनिक शोध को यथासंभव स्थान देने का प्रयल्न किया गया
है' । शोध का झंत दो गया ऐसा नहीं कद्दा जा सकता । झभी वहुत कुछ
करना वाक़ी है ्लौर भविष्य में झौर भी नवीन महत्वपूर्ण दत्त ज्ञात होने की
पूरी झाशा हो । ऐसी दूशा में भी सुके विश्वास हे कि मेरा यदद इतिहास
भावी इतिदास-लेखकों के पथ-प्रद्शन में झवश्य सद्दायता पहुंचायेगा ।
जुटियां रददना संभव है, क्योंकि भूल मनुष्य मात्र से दोती है श्रीर मैं
इसका पवाद नहीं हैं । फिर इस समय सेरी बृद्धावस्था भी है । कुछ चुटियों
के लिए शुद्धि-पत्र लगा दिय। गया है, फिर भी जो झशुद्धियां पाठकों की
नज़र में छायें उनकी सूचना मुझे मिलने पर दूसरी झादत्ति के समय
उत्तका यथाशक्य सुधार कर दिया जायगा ।
जैसा कि में इस पुस्तक के प्रथम खंड की भूमिका में लिख चुका
हूं यद्द बत्तेमान चीकानेर नरेश जनरल राजराजेशवर नरन्द्र शिरोमणि
मद्दाराजञाधिराज श्रीमान मद्दाराज्ञा सर गंगासिंदजी साइव चहादुर की
असीम कृपा श्ौर इतिहास प्रेम का दी फल दे कि यद्द इतिद्ास अपने
वतमान रूप में पाठकों के समक्त प्रस्तुत है । मुझे इसके श्रणुयन में जिस
समय जिस सामग्री की झावश्यकता पड़ी चद्द झविलस्च, सुकते प्राप्त हुई ।
में इसके लिए श्रीमानों का चिरऊतज्ञ रहेगा । इसी प्रकार में बीकानेर के
खुयोग्य रेवेन्यू मिनिस्टर मेजर मद्दाराज मान्धातासिंद; सांडवा के स्वामी
मेजर जेनरल् सरदार बहादुर राजा जीवराजसिंह; विद्याप्रेमी ठाकुर राम-
सिंद, एम० ए०; स्वामी नरोत्तमदास, एम० ए० झौर बीठू रिड्मलंदान, का
भी अत्यन्त झाभारी हूं, क्योंकि उनसे मुझे सदेव सत्परामशं और श्रोत्सा-
. हन मिलता रदा है । '
ब्त में में काशी-निवासी श्रीडद्यनारायण सरीन, बी० ए०, जो गत
छुः घर्षों से मेरे सददकारी हैं तथा पं० नाथूलाल व्यास का, जिन्होंने आरंभ
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