जैन ज्योतिर्लोक | Jain Jayotirlok

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Jain Jayotirlok by मोतीचंद जैन सर्राफ़ - Motichand Jain Sarrafरवीन्द्र कुमार जैन - Ravindra Kumar Jain

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रवीन्द्र कुमार जैन - Ravindra Kumar Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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-9 दस पुस्तक को पढ़कर जन ज्योतिर्लोक को समभे । विशेष समभने के लिए लोक विभाग इत्यादि ग्रन्थों का स्वाध्याय करे एवं ঘন सम्यक्त्व को दृढ वनावे । यही मेरी श्ुभ कामना है । मो तीचन्द अमलकचन्दसा जन सर्फ शास्त्री, न्‍्यायतोर्थ नजफगढ़, दिव्ली-४२ सनावद (मध्यप्रदेश ) बसन्तपंचमी १६७३ 'ग्राचार्य श्री धर्ममागरजी संघर्थ )




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