संचिता | Sanchita
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)संचिता
है जग की तू अतुल सरलता,
भामा अद्भुत - नामा।
भव्य वाल-सहचरी प्रकृति की,
है वामा अभिरामा।
जग-नन्दन-वन की विदारिणो;
मनेदहारिणी वाला ।
अन्धकारमय ग्राम-धाम का,
तू रै विमल उजाला।
शान्त-कान्त सुपमा-सागर के,
वडवानल को उवाला)
गुणगणवती ग्राम-देवो-सी,
है मन्डल मणि-माला।
अपनो मञ्जुल मृदुल गोद में,
तुभे प्रकृति ने पाला।
रन मं लोट-लोट कर तूने,
पाया रूप -निराला।
९०
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