श्री पंचास्तिकाय टीका [प्रथम खण्ड] | Shri Panchastikay teeka [Volume 1]

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Shri Panchastikay teeka [Volume 1] by कुन्दकुन्दाचार्य - Kundkundacharya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६५ - : রঃ ০ ११४ ११७. १७१ १९५५ , १७६ (৫৫ হও २२८ २३६ ३१७ নি? २५३ २६६ २६७ २७४ २७६ २७७ 9१ ९९ (१३ ) 1২ खंधमें ও न्यायोह न्यापोह २६ तक्ति तकि १९ अपि शब्द हैं। अपि शब्द तं १. हन ९ अच्छदिति अच्छादित ९ अमे अभेद ३ हो वीतराग तो वीतराग . ७ स्वोवयोगिनी स्वोपयोगिनी २२ नोयणमेक. नोगणमेक হব पुण्गं॥३ २४ १३. संस्वाती संखाती 1৭ अब अवरं १ निद्धिया विदिया १७ রী আনন. २२ सकनेके सकनेसे १८ कृश्त्क शरत ९ अपस्धर्मे अवस्थामें भी २१ आया आयाते २२ जीवके नी।. जौवके २ भाव ही भाव नहीं २ भाव नहीं होतेह| भाव होते हैं ११-१८ उप्तको <~ जधन्यको पिदरािक्ा मेद आयगा अनतवां भाग जो अनंत उसका भाग देनेपर अवि उतने घन्यमे मिः




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