पहला कर्मग्रन्थ | Pahla Karmagranth

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Pahla Karmagranth by वीरपुत्र - Veerputra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कै १६ २१ ° रर र्दे সই २४ २४ २९ २७ २७ २६ ই २३९ ३६ २ ३ १४ 2: ४ ८६ ६२ ९९ হই ६६ &ई *» १३ » २२ च ¶ ই « २१ * ৭ * ৯৩. ७ ৮ र ( 3३ ) अशुद्ध - - स्तानकोश्चय पाडुड छ श भु ३० मागण न पद़ोधों चार वस्तुओं विदारणं ১ अतिपति मे जधन्य पदार्थ है ह नपवखुस्स `... घांखके तयंचउहा सातवेदनीय मज्जंव जीवक २२ ছিল इुभवपद्‌ सो ५ तृणका ইজি কহ ` मयशः आर ७ का +> शद्ध शानको अंग पाहुड সুজ मशि पदार्थों चार यावत्‌ चौदह पूर्वौ विहार अतिपाति . जघन्य पदार्थ के चक्सुस्स आंखकीं तयं चडहा असातवेदनीय मन्जव जीवके २१ দাবির इभयं पड सोड तृणकी इसलिये चरस यशः चौर की




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