निर्निमेष | Nirnimesh
श्रेणी : काव्य / Poetry
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
1 MB
कुल पष्ठ :
160
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)मन हुआ वृन्दावन
सावित्री परमार
दूर वशी बज उठी
मन हुआ व-दावन।
सलतरछाही-सी
भार सदली
उलट गई अधियारी पर्तें
सौप चपई
सूरज किरणे
बाध गया दिनभर णते
पाती धी पुल गई
धूप का छूवर चदन ।
खेता खलिहाना
मे छलका
मौसम का वासती झरना
मधुमासी
याहा म महका
सरसा का श्गारित सपना
सूरजमुखी क्षणा की यादें
रचा गड दरपने।
छ এ
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