संक्षिप्त जैन इतिहास भाग - 1 | Sankshipt Jain Itihas Bhag - 1

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Sankshipt Jain Itihas Bhag - 1  by बाबू कामता प्रसाद जैन - Babu Kmata Prasad Jain

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(११) पूर्जश०८्बूहदू जन दाब्दार्णव-पं० बिद्दारीलालली चैतन्य । विर०प्विद्वदृग्त्वमाला-पें० नाथूशमजी प्रेमी (बंबई) । अव ०न्श्रवृणवेठगोला, रा० बर प्रो० नर्चिहावार एम०ए० (भद्राबर) । श्रेच°्नश्रेणिकचरिश्र (सूरत) । सकौ०८एम्४क्त्व कौसुदी-(बम्बई) । अजे ० सनातन जेनषम-अतु° कामताप्रषाद (कलकत्ता) । घज ० क्षिप्त जेन इतिदाघ-प्रथम भाग~छमताप्रघाद्‌ (सूरत) । पडिजे०-सम डिस्टिन्गुइइड जैन्ध-उमरावप्तिंह ठांक (आगरा) । संप्राजैस्मा०८संयुक्त प्रान्तके प्राचीन जैन स्मारक-अ० शीतलप्रसादजी । सूधाइजे ०८सटडीज इन स्राउध इन्डियन जेनीज्म-प्रो० रामात्वामी आयंगर । | ससृ०म्सम्रट्‌ू अकबर और सूरीश्रर-मुनि विद्याविजयज्ञी (आगरा) | सक्षट्राएए०८प्रम॒ क्षत्री टाइबस इन एन्शियन्ट इन्डिया-डॉ० विस- छाचरण लो । साम्स ०८पघाम्स ओक दी ब्रदरेन । सुनि ण्=पुत्तनिपात {8. 8. 1.) । हरिणन्दरििशपुराण-~श्री जिनसेनाचार्ये (कलकत्ता) । हा ज०८ाट अक अँनीञ्म~मिसेज स्टीवेन्हन (कदन) । हिआइ ० हिभारूई० हिंग्ली ००हिस्‍्टरीकल ब्लीनिन्ग॒प्र-डॉ० विमलाचरण लॉ० (अछुऋत्ता) ट्टटिप्नहिन्दू देल्व-जे० जे० मेयर्स । हिड़व०८ट्टिग्दू डूमेटिक वर्केघ-विलखन । हिप्रीइफि०८हिस्ट्री भोफ दी प्री-बुद्धिस्टिक इंडियन फिलॉध्षफी- बारुआ ( कलकत्ता ) हिलिजै ००हिस्ट्री एण्ड लिट्रेचर ऑफ जेनीज्म-बारोदिया (१९५०९) । दिवि ण=दन्दी विश्वकोष-नयेन्द्रनाथ वसु ( कलकत्ता ) । क्षत्रीक्लैन्ध ०-क्षत्रीक्रैन्त इन बुद्रिसत्ट इंडिया-डॉ०विमलाचरण लो०। 1 पदष्टी फ दी अयन क्क इन इन्डिया-हैवेल ।




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