एतिहासिक जैन काव्य संग्रह | Athihasik Jain Kavya Sangrah
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
696
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भंवरलाल नाहटा - Bhanwar Lal Nahta
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[>
दासजी सेठ न्याय व्याकरणतीर्थ” ने कर देनेकी छपा की है;
श्रीयुक्त मिश्रीछालजी पालरेचा महोदयसे भी हमें संशोधनमें पूर्ण सहा-
यता मिली है। श्रीयुक्त मोहनछाल दलीचन्द देसाई 3..0.1..1..3.
( चकीर हाईकोर्ट, वम्बई ) ने भी समय समयपर सत्परामरच द्वारा
सहायता पहुंचाई है । इसी प्रकार कतिपय काव्य उ० सुखसागर-
जी, मुनिवर्य रत्नमुनिजी, लब्धिमुनिजी एवं जेसलूमेरबाले यतिवर्य
लक्ष्मीचन्दुनीने और कतिपय चित्र-ब्छाक विजयसिंहजी नाहर,
साराभाई नवाव, सुनि पुण्यविजयजी आदिकी कृपासे प्राप हुए है,
एतदर्थं उन सभी, जिनके द्वारा यत्किच्ित भी सहायता मिली हो,
सहायक पूज्यों व मित्रौके चिर कृतज्ञ है ।
निवेदक--
अगरचन्द नाहटा,
भंवरखार नादय ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...