गीता गंगा मृतम | Geeta Ganga Mritam
श्रेणी : साहित्य / Literature
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
146
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)गीता गगा मृतम /5
तथा श्राद्ध-तर्पणादि क्रियाओं का लोप होने से पितरों की अधोगति होती है।
वर्ण संकरता से कुल धर्म के साथ-साथ जाति धर्म का भी विनाश होता है
अतैव जिनके कुल का धर्म नाश हो जाता है वह सिर्फ नर्क ही भोगता है।
यह कितनी दुःखपूर्ण बात है कि बुद्धिमान होते हुए भी हम
राज्य वे प्रलोभनवश अपने ही कुल के विनाश की ओर उन्मुखे हुए ।
इससे तो दीक है यदि धृतराष्ट्र के पुत्र मुझ शस्त्रहीन का
युद्ध में ही वध कर दें तो हम तो समझेंगे कि हम जीत गये।
संजय बोला, हे महाराज! इस प्रकार युद्धभूमि में शोक विहल होकर अर्जुन
धनुष को छोड़कर रथ के पार्श्व में बैठ गया।
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