अनाख्या | Aanakhya
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
14 MB
कुल पष्ठ :
169
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्रीमती ने उनसे ভুলা तो अभी चाय
पीने वाले थे १”
वे, “आज के बदुछे कछ!” कहकर और अपना
देनिस का थपका उठा कर उसे नचाते छुए छम्बे हुए ।
|! 9०
में पु कार कश बोझऊ1-- आज की लुकप्तानी लेते आना
फिर पण्डितजी से पूछा--“कहिए, कारबार फैसा चछता
ह ? 97
“सब जहाँ-रका-तदों होगया |!
“अरे ! यह कैसे १
दुनिया के कायदे से |
“अब, इधर केसे आना हुआ १”
“छठे भाग्य को खोजते-खोजते ।””
श्रीमती ने कहा-- “करुकत्त जाते होंगे?
“हाँ जी |”
मैंने पूछा--“यहाँ कहाँ ठहरे हैं ९?
“कहीं नहीं | रेल से उतर कर धर्मशाला में
असबाब रखता हुआ सीधा इधर चला आया ।
“क्यों, यहाँ क्यों न छाये ९
“उहरना होता तब न। दूसरी गाड़ी से रवाना
हो जाऊंगा |”!
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