वासंती | Vaasanti

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Vaasanti by पं. सोहनलाल द्विवेदी - Pt. Sohanlal Dwivedi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 1 १० | तव नवे स्प भर र सर | भरे अंग बस! | | बसों हमों श्रवरगों म॑ मधुमय सूद सजन; टदय-कमल मं मृदु कमार অন ও | नरर्रः | | नवं नव रूप ध्र सिर संदर + ग्रधरों में मद मधुर साम बने , | धरो मं मृदु मधुर नाम बने , | प्राणों मं बनकर नव মহল ; । # ৯ कद त्न ॥ अ = रोम-रोम म मदुन्न्‌ पलक নু = নল সালল মহলা | नय रूपं धर चिर संदर श कर. । द्रम बसा | ॥ গা { / ( ॥ 1




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