चम्पाशतक | Chmpastak
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
154
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( घ )
कण स् पद
५२.
२
হট
5
५६
१७
भ्य
५६
६०
६१
६२
६
६५
६६
स
नहि कियो तत्व सरधान,
हंटे किम भिथ्या मति भारी
नाथ मेरी श्रर्जी सुन लेना
नित प्रति पूजन कीजिये, महा विनय चितधार
पडी मभधार मेरी नेया, उबारोगे तो क्या होगा
प्यारे शान्ति दशा को धरो, घरो मेरे भाई
प्रभुजी । तुम आतम ध्येय करो
प्रमु तुम दीन दयाल वामाजी के लाल
सभी के प्रतिपालाजी
प्रभु जी मोदि पार उतारियेजी
कोई मैं डूबत भवपार
प्रभु श्री अरिहत जिनेस मेरे हिंत के करतारा हैं
पारस नाथ हरो भव वास
तुब चरणों की शरणगही
पूज्य जगत में तुम घनी जी,
तुम सम और न कोय
बिना जिन आपके स्वामी, नही कोई हमारा है
भविक जन तव जिय काज सरेगे
भवि जन नमो अरहत आदिक,
उनका सरणा लीजिए
मनृप भव पाईकं दुर्लभ, वृथा तुम क्यो লাল হী
महावीर स्वामी, श्रवकीत्तो अर्जी सून लीजिये
पद् स०
५७
4.
२७
५1
४२
४६
२६
४२
८१
३०
२६
१००
५९
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