प्राकृत साहित्य का इतिहास | Prakrit Sahity Ka Itihas
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
72 MB
कुल पष्ठ :
875
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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वेराग्यशतक
२४३ | आगम साहित्य में कथायें ३५४ '
वेराग्यरसायनप्रकरण २४४ | आगमो को व्यास्याओं व्याख्याओं में कथाएं ३५८ पै कारं २५८.
व्यवहारशुद्धिप्रकाश ” | कथाओं के रूप २६०
परिपारीचतुदेशकम् । ” | सैन ज्ञेलको.का नूतन दृष्टिकोण ३६३
(च) प्रकरण-अन्थ._ ३४४-३४६ । त्रेमाख्यान ३६४
जीवविचा रप्रकरण ३४५ | विविध वर्णन ३६६
नवतत्त्वगाथाप्रकरण ” | सामान्य जीवन का चित्रण ३६७
दण्डकृप्रकरण ३४६ मंत्रशात्र ३६८
लघुसंघयणी ” | जेन मान्यतां ३७०
बृहत्संग्रहणी ” : कथा-अन्यों की भाषा '३७२
इदत्तेतरसमास ” | आन्न कथा-साहित्य का
नव्यबृहत्केत्रसमास २५७ | सुद्ध `` ` ३५३
लघुक्षेत्रसमास ”» | संस्कृत में कथा-साहित्य ३७४
श्रीचन्द्रीयसंग्रहणी | अपभ्रशकाल २७५
^समयसारमरकरण £ | तरंगवईकटहा २७६
घोडशकप्रकरण » | तरंगलोला ३७७
पंचाशकप्रकरण २४८ | वसुदैवदिण्डी ३८१
नवपदप्रकरण “ | समराइचर्कदा २९४
सप्ततिशतस्थानभ्रकरण = धुत्तक्ाण ४१२
अन्य प्रकरण-मन्थ । कुबलूयमाला ४१६
(छ) सामाचारी ३५० | मूलु्धिभकरण रत
(ज) विधिविधान २३५९-२३५२ कथाकॉपषप्रकरण 99
विधिमागंभ्रपा २५१ | निर्वाणलीकावतीकथा ४४०
(म) तीथसम्बन्धी ३५३-३५५ | णाणप॑चमीकहा ह
विविधतीयकल्प ह ২4২ | आड्यानमणिकोश ४४४
(অ) पद्टावलियां ३५५ | कहारयणकोस ४४८
(2) प्रबन्ध + कालिकायरियकहाणय ४५५
छटा अध्याय 4 ১, नम्मयासुन्द रीकहा ४५९
प्राकृत कथा-साहित्य ( ईस वी से कुमारवालपडिंबोह ४६३
की चोथी शताब्दी से. १७ | पाइअकदासंगह ४७२
शताब्दी तक ) ३५६-५२४ मलयसुदरीकहा নি
कथाओं का महत्व ইহ. जिनदत्ताख्यान %
३ प्रा० भू०
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