मेरा साहित्यिक जीवन | Mera Sahityik Jivan
श्रेणी : इतिहास / History
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
17 MB
कुल पष्ठ :
293
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)( च )
जिक लेख--ग्राम-सुधार सम्बन्धी लेग्व--साहित्यिक यात्रा सम्बन्धी लेख---
स्थानीय विपयों के लेख--लेखों का पारिश्रमिक |
(२) सम्बाद्
सम्बादां का महत्व--सम्बादों के लिए पत्र का चुनाव--सम्बाद
ओर खूफिया पुलिस--सम्बाददाता का नाम देने की बात ।
(३) पुस्तकावलोकन
पुस्तक पढ़ने की रचि--पुम्तकों का चुनाव--पुस्तकों के नोट--
मेरा पुस्तक-संग्रह--पुस्तकावलेीकन का प्रभाव ।
(४) पत्रावलोकन
पत्रावलोकन का शक; मुख्य उद्देश्य -सम्पादकों से सम्बन्ध
पत्रिकाओं का विशेष उपयोग; उनके 'कटिग”--विशेष वक्तव्य |
पृष्ठ ४८ से १६२
पत्र
चोदहवाँ अध्याय
साहित्यिक यात्राएँ
यात्रा का उद्देश्--देहली में, पंडित रामचन्द्र जी--कानपुर में,
श्री विद्याथी--फतहपुर में; इसलामी शाहनामा--प्रयाग में साहित्यिकों
का अड्ड|--बनारस में; श्री पराडकर--कराशो विद्यापीठ--- ज्ञानमंडल--
हिन्दू विश्वविद्यालय--एक मनारंजक घ्रटना--लेखकों के, उद्गार--
में, अब हिन्दी में न लिखूंगा ?--'प्रतिकलताएँ होत द्रृए मी राष्ट्र
भाषा की सेवा करू गा--- 'अश्रब समालोचना लिखना बन्द कर दूँगा ।'
पृष्ठ १६३ से १७०
पन्द्रह अध्याय
साहित्यिक संस्थाप
साहित्यिक संस्थाओं का सुधार--हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग--
खटकने वाली बात--परीक्षकों का पारिश्रमिक देने का विपय--सम्मेलन
की प्रकाशन-नीति--सम्मेलन के लिए. कुछ सुकाव --नागरी प्रचारणी
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