गीतावली | Geetawali

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Geetawali by श्री बैजनाथ महोदय - Shri Baijnath Mahoday

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पदसकेत रामचंद्र करकंज कासतरू .... ब/रसचरन अभिराम कामग्रद रामपदपदुमपराग परी .... राम विचारि राखी राम राजराजमोलि राम लखन इक ओर राम लखन उर लाइ लये हैं _#म लखन जब दृष्टि परो री राम लखन सुधि आई ..:. राम सिसुगोद महामोद रामह नीके के निरखि .--. रामहि करत प्रनाम «महौ कौन जतन... रावन जोपै रामरनरोषे..-. रीति चलिबे की चाहि ... ° ९८ * ৭০৭ * २२ | पृष्ठ पदसकेत १९ দু सखि सरद विमल बिधुबदन २३६ १६ | सखी जब ते सीता समेत .... २६२ १२७ | सखी रघुनाथरूप निहारू ...« ९४०२ . ९५३ | सजनी हैं कोउ राजकुमार -... २४७ सस्य कहो मेर सहज सुभाउ ४२७ सस्य बचन सुनु मातु जानकी ३७३ सदल सलखन ह कुसल .--- २६१ सब दिन चित्रकूट नीको लागत २८७ ४४६ १५९९ १६९४ | सब भति विभीखन की बनी ४२० ४१ _/सबरी सोइ उठी .... , ३४७ १६० | सहेली सुन सोहिलो रे .... 98 . ४१३ | साँचेहु बिभीखन आइहे .... ४१० 4 सां समय रघुबीरपुरी की ६३७ सादर सुमुखि बिलोकि... ২ सानुज भरत भवन उरहि धये ৭২২ ३७० २०० ललन लोने लेरुवा बलि मेया ६३ | सिय धीरज धरिये .... --- ४३४५ ललित-ललित लघु-लघु -..- १०८ | सिया-स्वयंबर माई ---. .... ৭২ ललित सुतहि लालति सचपाये ९३ | सिरससुमन सुकुमारी ---- २६५ लाजहीन सजि साज .--- १८९सुक सां गहवर दिये ' -.-- ३०२ लेहु री लाचनको लाह ...- १८६९ | सुख नींद कहत शआ्माक्ली ६४ लोने लाल्ञ लखन सलोने ...- २७२ | सुजन सराही जो .... . १७१ संकट सुकृत का सोचत .--- ४४२ | सुजख सुनि सवन -.-- . ४२४ संकर सिख आसिंख ঘাহুন্ট ४०४ | सुनहु राम बिसरामधाम -... ३२८५ सचि द्व पथिक गोरे-साँवरे २४६ | सुनहु राम मेरे प्रानपियारे .... २२० सखि नीके कै निरखि --- २३७ [/पुनि ब्याकुल भये .... ---* ९६७ सचि रघु बीर-मुखद्वि देषु &०३ । सुनियत सागरसेतु बधायो .... ४७१




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