गीतावली | Geetawali
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
65 MB
कुल पष्ठ :
599
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)पदसकेत
रामचंद्र करकंज कासतरू ....
ब/रसचरन अभिराम कामग्रद
रामपदपदुमपराग परी ....
राम विचारि राखी
राम राजराजमोलि
राम लखन इक ओर
राम लखन उर लाइ लये हैं
_#म लखन जब दृष्टि परो री
राम लखन सुधि आई ..:.
राम सिसुगोद महामोद
रामह नीके के निरखि .--.
रामहि करत प्रनाम
«महौ कौन जतन...
रावन जोपै रामरनरोषे..-.
रीति चलिबे की चाहि ...
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* ৭০৭
* २२ |
पृष्ठ पदसकेत
१९
দু
सखि सरद विमल बिधुबदन २३६
१६ | सखी जब ते सीता समेत .... २६२
१२७ | सखी रघुनाथरूप निहारू ...« ९४०२
. ९५३ | सजनी हैं कोउ राजकुमार -... २४७
सस्य कहो मेर सहज सुभाउ ४२७
सस्य बचन सुनु मातु जानकी ३७३
सदल सलखन ह कुसल .--- २६१
सब दिन चित्रकूट नीको लागत २८७
४४६
१५९९
१६९४ | सब भति विभीखन की बनी ४२०
४१ _/सबरी सोइ उठी .... , ३४७
१६० | सहेली सुन सोहिलो रे .... 98
. ४१३ | साँचेहु बिभीखन आइहे .... ४१०
4
सां समय रघुबीरपुरी की ६३७
सादर सुमुखि बिलोकि... ২
सानुज भरत भवन उरहि धये ৭২২
३७०
२००
ललन लोने लेरुवा बलि मेया ६३ | सिय धीरज धरिये .... --- ४३४५
ललित-ललित लघु-लघु -..- १०८ | सिया-स्वयंबर माई ---. .... ৭২
ललित सुतहि लालति सचपाये ९३ | सिरससुमन सुकुमारी ---- २६५
लाजहीन सजि साज .--- १८९सुक सां गहवर दिये ' -.-- ३०२
लेहु री लाचनको लाह ...- १८६९ | सुख नींद कहत शआ्माक्ली ६४
लोने लाल्ञ लखन सलोने ...- २७२ | सुजन सराही जो .... . १७१
संकट सुकृत का सोचत .--- ४४२ | सुजख सुनि सवन -.-- . ४२४
संकर सिख आसिंख ঘাহুন্ট ४०४ | सुनहु राम बिसरामधाम -... ३२८५
सचि द्व पथिक गोरे-साँवरे २४६ | सुनहु राम मेरे प्रानपियारे .... २२०
सखि नीके कै निरखि --- २३७ [/पुनि ब्याकुल भये .... ---* ९६७
सचि रघु बीर-मुखद्वि देषु &०३ । सुनियत सागरसेतु बधायो .... ४७१
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