हिन्दी - रसगंगाधर | Hindi - Rasagangadhar
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
25 MB
कुल पष्ठ :
438
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ ८ |
लेख-चिह्नों से भी शून्य है, उसमें ते विशेषत: पाराग्राफ तेड़ने
का भी परिश्रम नहीं किया गया। यथेष्ट व्याख्या से रहित
झशुद्ध श्रार जटिल अंथ को शुद्ध करके उसका यथेोचित श्रनु-
बाद करने में कितनी कठिनता होती है, उसे वद्दी समझ
सकता है, जिसे यह काम पड़ा हो । सो यह भार भी इस
तुच्छ बुद्धि पप ही आ पड़ा। पर इसमें कोई संदेह नहीं
कि दोनों पुस्तकों के संवाद से हमें संशाधनकाये में बहुत कुछ
सहायता मिली है। तीसरी प्रड़वन यह थी कि उपयुक्त
भ्रमण कं कारण हमें श्रपेक्षित पुस्तकादि भो नहीं प्राप्त हो
सकती थीं; प्लौर सुतरां काठियावाड़ में; क्योंकि यहाँ संस्कृत
भाषा का बिलकुल्ल प्रचार नहों हे। इसके ध्रतिरिक्त हमारे
स्वास्थ्य ने भो समय समय पर अंतराय उपस्थित कर दिया।
पर, इन सब अड़चनोां के होते हुए भो जहाँ तक हा सका,
इमने गड़बड़-घेटाला चलाने की कोशिश नहीं की ; इस प्रकार
प्रथभानन का यह अनुवाद आप की सेवा में उपस्थित है।
इसमें संदेह नहीं कि यदि हमारी परिस्थिति ओर स्वास्थ्य
अच्छे होते तो यह अनुवाद इससे कहीं श्रच्छे रूप में सिद्ध
होता। अस्तु, इंश्वरेच्छा ।
अनुग्राहक
अब अंत में हम अपनी प्रनुग्राहक मंडली का स्मरण कर-
के इस कथा को समाप्त करते हैं---
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