शासन प्रभावक आचार्य जिनप्रभ और उनका साहित्य | Shasan Prabhavak Achariya Jain Prabha Aur Unka Sahitya

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Shasan Prabhavak Achariya Jain Prabha Aur Unka Sahitya by महोपाध्याय विनयसागर - Mahopadhyay Vinaysagar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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विषयासुक्रम तत्कालीन स्थिति मुहम्मद-तुगलक-कालीन भारत राजनीतिक स्थिति सामाजिक दशा आधिक स्थिति धार्मिक जीवन साहित्यिक विकास सांस्कृतिक मूल्यांकन गुरु्परम्परा आचारय वर्धमान और जिनेश्वर सूरि जिनचन्द्रसूरि अभयदेवसूरि जिनवस्यभमूरि युगप्रधान जिनदत्तसुरि मणिधारी जिनचन्द्रसूरि जिनपतिसूरि जिनेश्वरसूरि जन्म, दीक्षा और आचार्य पद जन्म आचार्य जिनसिहसूरि पद्मावती आराधना पृष्ठ




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