शिक्षा के प्रति जनपद सीतापुर के दरी उद्योग के बाल श्रमिकों की अभिवृत्ति जागरूकता एवं तत्परता एक अध्ययन | Shiksha Ke Prati Janapad Sitapur Ke Dari Udyog Ke Bal Shramikon Ki Abhivritti Jagarukata Evm Tatparata Ek Adhyayan

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Shiksha Ke Prati Janapad Sitapur Ke Dari Udyog Ke Bal Shramikon Ki Abhivritti Jagarukata Evm Tatparata Ek Adhyayan  by शिव कुमार - SHIV KUMAR

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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6) वसूली प्रमाण पत्रं निहित धनराशि (करोड़ में) 31.16 ) वसूल की गई धनराशि (लाख मे) 93.23 ~~ 8) पुनर्वास की कार्यवाही (अ) विद्यालय में बच्चों का प्रवेश 54789 () खतरानाक उद्योग 24219 (1) गैर खतरनाक उद्योग 30570 (७9). परिवार के एक सक्षम वयस्क सदस्य को रोजगार दिलाए जाने की कार्यवाही ({) कूल परिवारों की संख्या 24250 (1) रोजगार उपलब्ध कराये गए परिवारों की संख्या 4622 (111) पूर्व से रोजगार में 7106 (५) रोजगार लेने से इंकार 4435 (৬) प्रवासी एवं अन्य कारण 5553 (1) अवशेष परिवार 2534 (10) वर्तमान मेँ राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के अन्तर्गत 501 चल रहे कूल विद्यालयों की संख्या (11) अध्ययनरत छात्रों की संख्या 24125 खतरनाक उद्योगों में बाल श्रम का परिणाम - 1961, 1971 ओर 1981 की जनगणना के आँकड़ों के अनुसार कुल कामकाजी बच्चों में जो बच्चे खतरनाक उद्योगों में काम करते है उनकी संख्या क्रमशः 3.08 लाख, 3.74 लाख और 6.71 लाख थी वर्तमान में करीब 20 लाख बाल मजदूर खतरनाक उद्योगों में काम करते हैं। विभिन्‍न उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों क॑ परिमाण के सम्बन्ध में राष्ट्रीय श्रम संस्थान के आँकड़े इस ओर इंगित करते है कि मिजपुर भदोही (उत्तर प्रदेश) के कालीन व दरी उद्योग में 50 हजार, शिवकाशी (तमिलनाडु) के दियासलाई और आतिशबाजी उद्योग में 50 हजार, जयपुर (राजस्थान) के रत्न पॉलिश उद्योग में 13 हजार, अलीगढ़ के ताला उद्योग में 40 हजार, मुरादाबाद के पीतल उद्योग में 45 हजार, खुर्जा के चीनी मिट्टी के _ ॥




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