आधुनिक हिन्दी नेत्ररोग विज्ञान | Adhunic Hindi Netra Rog Vigyan
श्रेणी : विज्ञान / Science, स्वास्थ्य / Health
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
45 MB
कुल पष्ठ :
417
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दबाव जन्य प्रसरण प ६६४ । तापज प्रसरंण रुफटिकट्रबर्पिड-स्फटिकद्रवर्पिडका रासायानक रचना प ६६५ । रूष्मल नेत्रप्रचुर म्यूफोप्रोतीन घटक अवशिष्ट तीन घटक रेसिंडयुअल प्रोतीन्स स्फरिक द्रचर्पिद्ध के सोति क गुणधर्म . विशिष्गुरुत्व बक्री मदन गुणक गाढापन बाहकता प ६६६ । अंभिसारक दबाव सफटिकद्रवर्पिडकी प्रतिक्रिया रफटिकब्वर्पिडकी अनियमित घटना स्फटिक द्रवर्षिडका स्वरूप प ६६७ | स्फटिकद्रवर्षिडकी उत्पत्ति स्फटिकड्ब पिंडका भौतिक स्वरूप-फुलना भर फिका होना प ६६८ । स्फटिकदवर्पेंडमेके प्रेतीन घटक स्फार्टिक- द्रव पिंडकी अस्थिरता प ६६९ । असम स्थितिस्थापकता रफटिरुदव पेंडमेंका प्रसरण और प्रक्षेपण । ने्रके रक्तवाहिनीयोंदार घटकोमेंकी चयापचय क्रिया झुकपटल हुक्पटलकी रासायानेक रचना-झुक्लपटलकी स्प्रीति टरजिसेन्स प ६७० | कृष्णमंडल दष्टिपटलकी मस्तिष्काय तह । सेघ्रके रक्तवाहिनीयांरदति घटकॉमेंकी चयापचय क्रियाः-आन्तर प्राणिढीकरणकी प्रणाली तारकापिघान तारकापिधानकी रासायनिक घटना प ६७१ । तारकापिघानका पोषण प ६७९ । तारकापिवानमेकी श्वासों- शासकी क्रिया तारकापिघानकी स्प्रीति प ६७३ स्फडदिकमणि सफटिकमणिकी रासायनिक रचना प ६७४ । रफटिकसाणिके समविद्यत्माददी बिन्दु । रफटिकमाणिका पोषणकार्य प ६७५ | रफटिकर्माणमैंकी खासोश्वास क्रिया प ६७६ सरफटिकसणिका स्वर्यप्राणिलीकरण ब्यूद । दुष्टिपटलकी बाह्मकला घटककी तह प६७७ | वात थ . अध्याय २६ / ६७९ से ७०१९ नेघाज्यस्तर स्नायु्तंत्र ओर कनीनिकाकी प्रतिक्रिया-नेत्राभ्यन्तर रनायुओका ऐन्द्रिय- विज्ञान नेत्राभ्यन्तर रनायुओंके नियमन के मज्जामय संस्थान अ तारकातीत पिंडीय रनायुका नियमनका मज्जामय संस्थान ब कनीनिकाका संकुचन केन्द्र और मज्जापथ प६४९ | ए्डिंजर वेस्टफालका केन्द्र कनीनिकाका संकुचनका. केन्द्र द्यार्गी मजापथ क कनीनिकाका प्रसरण केन्द्र और मार्ग प६८० । रोनेन्राभ्यन्तर स्नायुओका नेत्रान्यन्तर जलसे नियमन प६८१ । तारकातीत पिंडाय स्नायुका ऐन्द्रिय कार्य प६८२ । कनीनिकाका पस्ट्रिय कार्य कर्नानिकाकी प्रतिक्रियार्ज प ६८३ । कनी- निकाके कार्यका निधारण करमनेवालीं असल बातें -- १ प्रकाशकी प्रतिश्क्याओें २ सददचरित प्रतिक्रियाओं . ३ चाकुष संवेदन प्रतिक्रिया ४ सानसिक संवेदन प्रति- क्रिया ५ दक्षसोदर त़नावकी ब्देगोटानिक प्रतिक्रिया ६ कर्ण्सबंधी प्रति- क्रिया ७ दबाओंकी- प्रातीक्रियाओं प ६८४ । असम कनीनिका प्रकाशकी सवा दि प्रातिक्रिया-प्रकाशकी प्रत्यक्ष संवादि प्रतिक्रिया । प ६८५४ | १ उत्तेजकों के प्रमाणमे बदल करमनेंसे होनेवाले परिवर्तन प्रारंभिक प्रमाण उत्तेजक मेदकारक घ्यरंभिक प्रमाण संकु- चनका क्रम प६८६ । २ मिलती जुलती या संयोजन अवस्थामें दिखई देनेवाले परिवतन अधियारी संयोजनता कनीनिकाका चलन परकंजी दूक्य प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष य्रकाश प्रतिक्रिया साधम्य संदेदना प ६८५७ । चाक्ुष मस्तिष्कीय प्रतिक्षिया-घ्रकाक् प्रत्यावतनके मज्जापथ । ६८८ । नजदीकका ससगत्यात्मक प्रत्यावतन ६८९ नेत्रच्छदोकी प्रतिक्रिया चाछुष सांवेदानिक प्रतिक्रिया त्रिमुखी प्रतिक्रिया प६९० । गेसेरियन मज्जाकंद मानसिक संवेदन प्रतिक्रिया १ व्देगोटानिक कनोनिका प्रतिक्रिया । पे ६९१ ९ काचके दोख- मागकी प्रतिक्रिया काक़ियर प्युपिलरी रिफ्रेक्स ३ कानके ब्स्टिन्यूलर कोटरकी कनी- निका प्रतिक्रिया ४ कानकी सांवेदानिक कनीनिका प्रतिक्रिया । कनी निकाकी अलेससिक
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