कबीर साहित्य का अध्ययन | Kabir Sahitya Ka Adhyan
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
23.58 MB
कुल पष्ठ :
380
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about पुरुषोत्तमलाल श्रीवास्तव - Purushottamalal Shrivastav
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)दर अध्ययन का प्रयोजन और पद्धति दिंदी साहित्य के इतिहास के भीतर एक प्रसुख स्थान कभी का दिया जा चुका है। किसी कवि वा लेखक की अ्रतिभा वा कला के संबंध में रुचि-भेद से विद्वानों के बीच थोड़ा बहुत मतांतर होना स्त्राभाविक दे । परंतु हिंदी साहित्य के क्षेत्र में कदाचित् कबीर ही वह सबसे ब्रिठक्षण व्यक्ति हैं जिसमें यदि सहदयों को गुण मिले वो ऐसे कि उनके आधार पर यदि एक ओर वे आर- स्टाइन राइब्रुक जलालुद्दीन रूमी जेसे विदव के शिने-चुने सरमी संतों के बीच प्रतिष्टित हो सके तो दूसरी ओर उनमें काव्य-दाक्ति का चरम निद्शंन पाया गया और दिंदी के सर्वोत्तम कवियों में वे तुछ॒सी और सूर के बाद तीसरे अथवा कम से कम केद्दव ओर मतिराम के बीच सातवें पद पर बेठने के अधिकारी समझे गए ओर दोष भी पाए गए तो ऐसे कि या तो उनमें काव्य-गुर्णों का एक प्रकार से सबवंधा अभाव दिखाई पढ़ा ओर वे अशिक्षित असाहित्यिक दूंगी असिमानी वेद्शास्त्-निंदक हिंदू महापुरुषों को उन्मागं+ गामी बतानेवाले और हिंदू घ्मनेताओं की धूक उड़ानेवाले समझे गए अथवा उन्हें अद्वेतवादियों वेष्णवों सूफियों हठयोगियों क्ञादि से अध्यवस्थित रूप में सामग्री एकत्र कर एक अद्भुत पंथ खड़ा करनेवाछा बताया गया । कबीर का काव्य ही नहीं उनकी भाषा उनकी जीवन-दृष्टि उनकी डपासना-पद्धति उनकी विचार-परंपरा सभी विचित्र पहेली बनी हुई हैं । उनमें परस्पर विरुद्ध बातों का ऐपा प्रथूत समुच्य दिखाई पढ़ता है कि उन सबको संहित करके किसी एक निश्चय पर पहुँचने में प्रायः विद्वानों को भी कठिनाई हुईं है। फिर सामान्य विद्यार्थी के लिये तो प्राप्त सामग्री के आधार पर अपने संतोष के लिये कोई सत स्थिर कर लेना निश्चय ही नितांत १-रवींद्रनाथ ठाकुर वन इंड्रेड पोएम्जू ऑव कबीर भूमिका पृष्ठ २३ २--हजारी प्रसाद द्विवेदी कबीर पृष्ठ २२० रे--मिश्रबंधु हिंदी नवरलल ए? ५१२ ४-इरिऔध कबीर वचनावली भूमिका । ५--रामचंद्र झुक दिंदी सादित्य का इतिदास कबीर ।
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