भारतीय दर्शन का इतिहास भाग - 1 | Bharatiy Darshan Ka Itihas Bhag - 1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
20 MB
कुल पष्ठ :
504
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)हि @ न>
१६
१७.
१८.
१६.
२०.
२१.
२२.
( ४)
- अरक न्याय-सूत्र भौर वैशेषिक सूत्र
. वैशेषिक प्मौर न्याय साहित्य
. न्याय और वेशेषिक दर्शन के मुख्य सिद्धान्त
. षट्-पदाथं-दरग्य, गुण, क्म, सामाम्य, बिशेष, समवाय
१०.
११.
१२.
१३.
१४.
१५.
काररवाद सिदटान्त
प्रलय ध्रौर सृष्टि
ईश्यर के पभ्रस्तित्व का प्रमाण
न्याय वैशेषिक का मौतिकशास्त
ज्ञान का भूल (प्रमाण)
न्याय के चार प्रमाण
प्रत्यक्ष
झनुमान
उपमान भ्रौर शब्द
न्याय-वंशेषिक दरम मे 'धमाव' का स्वरूप
मोक्षकांक्षियों के लिए तकें का महत्व
भ्रात्मा का सिद्धान्त
ईष्वर श्रौर मोक्ष
भ्रच्यापच--2
मीमांसा दशन
तुलनात्मक विवेचनं
, मीमासा साहित्य
» न्याय का 'परतःप्रामाण्य' सिद्धान्त प्रौर मीभांसाका
'स्वत -प्रामाण्य' सिद्धान्त
प्रत्यक्ष (बोध) में ज्ञानेन्द्रियों का स्थान
„ निविकत्प ध्रौर सविकल्प प्रत्यक्ष
ज्ञान का स्वरूप
. श्रान्ति-मनोविज्ञान
. प्रनुमान
. उपमान भर्यपितति
. शब्द-प्रमाण
. प्रनुपलग्धि प्रमाण
« प्रात्मा, परमात्मा और मोक्ष চিল
« मीमासा-दर्शन ীং দর্ন-কাত -_- 77777 জর্তী ४०६
११२
३१७
३२१
३२४
३३१
३३५
३३७
१३८
६२
281
३४४
३४५४
३६४
३६५
३६६
३७३
३७१
३७९
७८
३८१
ইল
३८६
३६१
३६३३
३९६
३६६
४०१
0
४०४
User Reviews
No Reviews | Add Yours...