मदनरेषा - नमीराज नाटक | Madanaresha - Namiraj Natak

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Madanaresha - Namiraj Natak by श्रीयुत मनसाराम - Shriyut Mansaram

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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8 न. ০ च्म _ 8 18০356১০১১০ 2০০১১ ১১১ ৫০৯০১১৩9620 নাতনি % एेक्ट १ (१२) क ६६५०-६७५:८६:००७:००:०६०७ कट अबतो जाता हूं ख़ातिर तुम्हारी से, ' आज़ुर्दों तुमको करूं मादटे पारा नहीं ॥१॥ राजा. का जाते हुये नज़र झाना। ~ ৮ < सीन উ यद यष राजसहल क्छ परदा | अ) पनिरथ का मदनरेषा के वियाग मं गाते हुये नज्ञर श्राना। चाल-(नाटऊ) हाय अच्छे पिया सोहि द्रश ভিজা ইল भें जी পল) चघबरावल हे । प्यारी तपत हृदय की गके बुझकादे, आग विरह की जरावत है ॥ न कोड राता नज्ञर हाले जिगर किससे कहू । उमड़ के गाता है दिल केसे में ख़ामोश रहूँ। ड रोते रोते लगे गश पे मृश आने मुझको । न तान इतनी रही सदमा जुदाई जो सहु ॥ अब कोई घड़ी का मेहमां है जममें, जान चली अब जावत है ॥ १॥ प्यारी तपत दृदय की ० ॥ > फट फट >८ 2८ २९८३९ 3९ फट अ्>ए 70 च जट अट ८८०८००८ > ०१९०५८०८ कक, ০5 २२ 02% 20२९३ ९०९३४ ०९०६६: 2६/०४३४६,४ ४६.६ ९९९३: कफ फफर 2९ ऐसे न




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