नील पंक्षी | Neel-panchi

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Neel-panchi by आचार्य शिवपूजन सहाय - Acharya Shiv Pujan Sahay

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about आचार्य शिवपूजन सहाय - Acharya Shiv Pujan Sahay

Add Infomation AboutAcharya Shiv Pujan Sahay

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्रथम अक लकड़हारे का मकान [ लकड़हारे के मकान का भीतरी भाग । मामूली तथा देहाती, लेकिन एसा नहीं लगता कि उसमें से निधनता भॉक रही हो | चूल्हे पर कुछ ईंधन | रसोई के वर्तन, एक आलमारी, रोटी सेंकने का तावा, जल-कल, दोवाल पर पड़ी; चर्खा आदि | एक टेबुल मी है जिसपर दीपक जल रहय है । अलमारी की वगल में एक कुत्ता और एक विंल्ली हं । दोनों अपनी नाक ओर प्ूँछ को घुसाये सो रहे हैं। उनके बीच में एक चीनी का बड़ा टुकड़ा पड़ा है। वह नीला और खेत दीख रहा है। दीवाल पर एक ओर पिंजड़ा लटक रहा है | उसमें एक कपोत है । उस घर में भीतर से बन्द होनेवाली दो खिड़कियाँ भी हैं। एक खिड़की के साभने एक तिपाईं रखी है। उसकी वाई ओर मकान का दरवाजा है | उसमें एक वड़ी सिटकिनी भी है। दाहिनी ओर एक दूसरा दरवाजा है । दीवाल में लगाकर ऊपर जाने की एक सीढ़ी रखी हुईं हैं। दाहिनी ओर बच्चों के दो पलंग हैं| दो कुर्तियोँ पड़ी हैँ, जिनमें कपड़े तह कर रखे हुए हैं। परदे के उठने पर बालक नीलू और बालिका नीली दोनों खाट पर घीर निद्रा मं सो रहे हं! उनकी साता उनके अंगों पर कपड़ा ढक देती है। ओर वह यह दृश्य दिखलाने के लिए अपने पतिदेव के दशारे से बुलाती हे, वह आकर अपना सिर कमरे के भीतर घुसाता है। माँ अपने अघरों पर उँयली रखकर उन्हें मौन रहने का संकेत कर रही है। वह दीपक वुकाकर दाई ओर चली जाती है। ज्ञण-भर के लिए कमरा अंधकार से मर उठता हे । पर विडकी ठे शनेः-शनैः कमरे मं धुंधला प्रकाश प्रवेश कर रहा हे । दीपक भी पुनः जलने लगता हैं, परन्तु रोशनी का रंग कुछ दूसरा ही है। तत्काल नीलू और नीली जय जाते हैं, ओर उठकर अपनी-अपनी खाट पर वेठ जाते हं । | नालू- नाला { नीली-नील्‌ ? नीलू---तुम सो रही हो ! नीली---ओर तुम ! नीलू---मैं तो तुमसे बातें कर रहा हूँ, सो कैसे सकता ! नीली--आज बड़ा दिन है न ! नीलू--अभी नहीं, कल होगा । लेकिन इस वर्ष प्रभु कुछ भी नहीं लायेंगे | नीली--क्यों ! नीलू--माँ कह रही थीं कि मुझे शहर में उन्हें खबर देने की फ़रसत न मिल सकी | अगले লহ লী ক্সানবী 777 |




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now